रांची(ब्यूरो)। रांची में साइबर क्राइम के बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए रांची पुलिस ने एक स्पेशल टीम का गठन किया है। साइबर अपराध से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए एसएसपी के नेतृत्व में गठित इस स्पेशल टीम का नाम 'वन टीमÓ दिया गया है। साइबर अपराध के लंबित मामलों का निबटारा भी इस टीम के सदस्य करेंगे। सिटी में आए दिन साइबर क्राइम से जुड़े कई मामले आ रहे हैं। जबतक पुलिस किसी एक मामले का निबटारा करती है, तबतक नया मामला आ जाता है। साइबर क्राइम करने वाले ठग स्टेट से बाहर बैठ कर घटना को अंजाम देते हैं और पुलिस इसका पता लगाती रह जाती है। इसमें मामले को सुलझाने में भी काफी समय लग जाता है। कई बार मामला बगैर सुलझे ही रह जाता है। जांच की गति धीमी होने से मामलों की पेंडेंसी भी बढ़ती जा रही है। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए सिर्फ साइबर अपराध को सुलझाने के लिए ही इस टीम का गठन किया गया है।

आठ टीमें पेंडिंग निपटाएंगी केस

दूसरे राज्यों में बैठ कर अपराधी रांची के लोगों के खाते से पैसे उड़ा रहे हंै। जिस राज्य से घटना को अंजाम दिया जाता है और क्राइम में जिस नंबर का इस्तेमाल किया जाता है वह सिम भी उसी राज्य का होता है। ज्यादातर मामले चार राज्य हरियाना, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान से जुड़े हुए हंै। सबसे पहले टीम के सदस्य इन्हीं राज्यों में धावा बोलेंगे। गौरतलब हो कि साइबर थाना और सिटी के अलग-अलग थानों में अब भी करीब एक हजार मामले पेंडिंग है। कुछ में अनुसंधान जारी है तो कुछ के बारे में कोई जानकारी भी हाथ नहीं लगी है। वन टीम के स्पेशल 24 को लंबित मामलों के निष्पादन की जिम्मेवारी दी गई है। सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए 8 टीमों का गठन किया है। गठित हर टीम में 1 इंस्पेक्टर के साथ 2 एसआई स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। हर टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेवारी दी गई है। हर टीम से कहा गया है कि वे आपस में ताल-मेल बनाकर केस का निष्पादन करें।

आसान होगी जांच

रांची के अलग-अलग थानों में कई साइबर क्राइम के कई मामले दर्ज हैैं, जो दूसरे राज्यों से जुड़े हैं। इन राज्यों में अलग-अलग पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मियों को अनुसंधान के लिए जाना पड़ता है। लेकिन अब सिर्फ वन टीम के पदाधिकारी ही इसकी जांच के लिए दूसरे स्टेट में जाएंगे। इससे पुलिस विभाग का खर्च, समय और मैन पॉवर की बचत होगी। यदि सुखदेव नगर, चुटिया, लोअर बाजार थानों में ठगी के मामले दर्ज हुए हैं और तीनों के तार हरियाणा से जुड़े हैं तो तीनों थानों की पुलिस नहीं बल्कि तीनो थानों से डिटेल लेकर टीम के सदस्य ही हरियाणा जाएंगे। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रांची में साइबर अपराध के तार पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली व अन्य राज्यों से भी जुड़े हैैं। यहां थानों की पुलिस को जाने और इंर्फोमेशन जुटाने में समय लग जाता है।

साइबर मामलों के निष्पादन के लिए विशेष टीम को दूसरे राज्य जाकर इनपुट हासिल करने का निर्देश दिया गया है। स्पेशल 24 लंबित केसों का निबटारा करेगी।

सौरभ, सिटी एसपी