रांची: सोशल मीडिया जितना सुविधाजनक है, उसी अनुपात में खतरनाक भी है। इसके कई फायदे हैं, तो कई नुकसान भी हैं। सोशल मीडिया से फ्रॉड के कई केसेज सामने आते रहे हैं। साइबर फ्रॉड करने वाले हर बार नए नए तरीके से लोगों को अपना शिकार बनाते रहते हैं। बीते कुछ दिनों में दर्जनों साइबर अपराधी पकडे़ भी गए, लेकिन फ्रॉड कम नहीं हुआ। इन दिनों सेक्सोटोरियन तरीके से साइबर अपराधी ठगी को अंजाम दे रहे हैं। बीते दो महीने में दर्जनों लोग फंस चुके हैं। हालांकि, अपनी प्रतिष्ठा के कारण ये लोग पुलिस केस नहीं करना चाहते। साइबर सेल का रिसर्च बताता है कि 54 परसेंट लोग ऐसे हैं जो सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से इसके शिकार हुए हैं। सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, वाटसएप या इंस्टाग्राम पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आता है। इसमें आप फोटो में खूबसूरत इंसान को देखकर उसे एक्सेप्ट कर लेते हैं। इसके बाद आप उसके चंगुल में फंसते जाते हैं। इसी तरह मैसेजेस और फोटो ऐप से 41 परसेंट, डेटिंग ऐप से 9 परसेंट और गेमिंग ऐप से 4 परसेंट लोग ठगी के शिकार हुए हैं।

वीडियो बना कर रहे ब्लैकमेल

साइबर अपराधी किसी भी व्यक्ति को सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है। खूबसूरत चेहरा देखने के बाद आप उसके रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लेते हैं, जिसके बाद आप दलदल में फंसते चले जाते हैं। फेसबुक, इंस्टा पर आए कमेंट देख कर अपराधी आपके फ्रेंड्स और रिलेटिव तक पहुंचने की कोशिश करता है। कुछ समय बाद रात के वक्त वो इंसान वीडियो कॉल करता है। जहां आपत्तिजनक हालत में आ जाता है और इस पूरे प्रकरण को रिकार्ड कर लेता है। इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल। फ्रॉड करने वाला लड़का हो या लड़की पैसे की डिमांड करता है। नहीं देने पर वह वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी देने लगता है। लोग बेइज्जत होने के डर से पैसा देने लगते हैं। बदनामी न हो, इसके लिए वे इसकी शिकायत भी नहीं कर पाते हैं।

नए ट्रेंड में फंस रहे कई लोग

पैसे एंठने का यह नया ट्रेंड है और काफी लोग इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो यह तरीका पहले से भी ज्यादा खतरनाक है। इसमें सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसे मामलों में अपराधी को पकड़ना भी मुश्किल हो रहा है। रांची पुलिस की साइबर टीम लगातार साइबर अपराधियों पर नजर बनाए हुए है। फिर भी लोग आसानी से ऐसे लोगों के चक्कर में फंस रहे हैं। दरअसल, इंटरनेट की पहुंच आज काफी इजी हो गई है। ज्यादातर लोग हर वक्त ऑनलाइन रहते हैं। खासतौर पर साइबर अपराधी वैसे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं जो अपने फेसबुक अकाउंट्स की डिटेल्स पब्लिकली रखते हैं। एक्सप‌र्ट्स बताते हैं कि हर व्यक्ति को अपने सोशल नेटवर्किंग आईडी को लॉक करके रखना चाहिए। किसी भी अननोन नंबर से वीडियो कॉल या वॉयस कॉल या मैसेज का रिप्लाई नहीं करना चाहिए। जो खुद अपनी सेफ्टी का ख्याल रखेंगे, उनके साथ कभी धोखा नहीं होगा।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल आज हजारों लोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अलर्ट रहना चाहिए। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर बनी अपनी प्रोफाइल में प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें। प्रोफाइल को लॉक रखने से काफी हद तक ठगों से बचा जा सकता है। इसके अलावा किसी भी प्रकार के अननोन नंबर से आने वाले वीडियो कॉल या मैसेज से भी बचना चाहिए। अवेयरनेस ही इसका बचाव है।

- सुमित कुमार, डीएसपी, साइबर सेल