RANCHI:यदि आप बस में सफर कर रहे हैं और आपके साथ कोई और नहीं है तो यह खबर आपके लिए है। जी हां, जिस तरह लॉकडाउन के बाद चोरी, छिनतई की वारदात बढ़ी हैं। ठीक उसी प्रकार बेहोश कर लूटने वाले गिरोह भी सक्रीय हो गए हैं। बीते कई वर्षो में लूटने का यह तरीका बिल्कुल बंद सा हो गया था, लेकिन हफ्ते भर में दो केस ने एक बार फिर पुलिस को चुनौती दे दी है। सिटी के कांटाटोली खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में इस तरह के गैंग एक्टिव हुए हैं, जो लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। खासकर वैसे लोग जो अकेले सफर करते हैं या फिर जिनके पास लगेज ज्यादा होता उन्हें ये लोग अपना टारगेट बनाते हैं। खादगढ़ा बस स्टैंड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक फौजी को नशे की दवा खिला कर लूट लिया गया। बाद में वह फौजी बेहोशी की हालत में सड़क किनारे गिरा मिला।

ऐसे देते हैं कांड को अंजाम

ये लोग सफर के दौरान ही आपसे फ्रेंडशिप कर लेते हैं या फिर बस स्टैंड में ऐसे लोग घूमते रहते हैं। स्टैंड में अपनी बस के इंतजार में बैठे व्यक्ति से परिचय बढ़ाते हैं और बात-बात में ही कुछ खाने को दे देते हैं। खाते ही आपको नींद आने लग जाती है और इधर आपका सामान गायब हो चुका होता है। सफर के दौरान आपके बगल में बैठा वह अजनबी व्यक्ति जिससे आप थोड़ी देर पहले काफी बातें कर रहे थे। उससे काफी घुल मिल गए लेकिन कुछ ही देर बाद वह अजनबी आपका सामान लेकर चंपत हो चुका होता है। यात्रा के दौरान कोई अजनबी आपको खाने-पीने की कोई चीज दे तो सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि खान-पान की सामग्री खिलाने वाला शख्स ऐसे किसी गिरोह का सदस्य हो।

जागरूकता ही बचाव

ऐसी घटना आपके साथ न हो, इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जागरूकता। आपकी जागरूकता और सावधानी ही ऐसे गिरोह से बचा सकती है। बस स्टैंड में यात्रियों को अवेयर करने के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं है। बसों और ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को इन बातों की जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे उनकी रक्षा हो सके। त्योहार के मौसम में ऐसे गिरोह ज्यादा एक्टिव होते हैं। लेकिन बीते दस महीने के लॉकडाउन की वजह से कई लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। कुछ आर्थिक मजबूरी में गलत रास्ता अपनाने लगे हैं। ये ग्रामीण परिवेश वाले यात्रियों को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं और उन्हें अपनी बातों में उलझाकर खाद्य पदार्थो के जरिए नशीला पदार्थ खिलाकर या सुंघाकर कर बेहोश कर देते हैं फिर आसानी से माल समेटकर फरार हो जाते हैं।

थानों में नहीं दर्ज होता मामला

ऐसे मामले ज्यादातर पुलिस स्टेशन में भी दर्ज नहीं किए जाते। क्योंकि जिसे मामला दर्ज कराना है वह बेहोशी की हालत में पड़ा है। दूसरे लोगों को कोई मतलब नहीं होता। पीडि़त जब होश में आता है और पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाता है तो उसे पुलिस एरिया नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है। कुछ दिन पहले खादगढा बस स्टैंड में हुए हादसे में कुछ ऐसा ही हुआ। लोअर बाजार थाना ने ऐसी किसी भी मामले की जानकारी से साफ इनकार कर दिया। नशाखुरानों द्वारा दिए गए नशीले पदार्थ कई बार जानलेवा भी साबित होते हैं।

केस 1

हफ्ते भर पहले अमित खलखो को बदमाशों ने नशीला पदार्थ खिलाकर सारा सामान लूट लिया। अमित की पत्‍‌नी गायत्री ने बताया कि अमित की पोस्टिंग झांसी में है। दो सप्ताह की छुट्टी लेकर रांची आ रहे थे। लेकिन बदमाशों ने बस स्टैंड में ही जहरीला पदार्थ खिलाकर उनके सारे सामान लूट लिये। स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए अमित को रिम्स में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके।

केस 2

बीते महीने एक कारपेंटर को निशाना बनाने की खबर सामने आयी। कारपेंटर मुन्ना बिहार के नवादा का रहने वाला है। वह अपने गांव से सामान लेकर लौट रहा था। लेकिन रास्ते में ही कुछ अजनबियों ने उन्हें बिस्किट खाने को दिया और पानी भी पिलाया। पानी पीते ही मुन्ना को नींद आने लगी और वह बस में ही सो गया। बगल में बैठा अजनबी उसका सारा सामान लेकर अगले स्टैंड पर उतर गया।

ऐसे किसी भी तरह के मामले आने पर तुरंत संज्ञान लिया जाता है। लोगों को भी अवेयर रहने की जरूरत है। किसी भी अजनबी पर आंख बंद करके भरोसा न करें। यदि कुछ ऐसा होता है तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क कर मामला दर्ज करवाएं।

-नौशाद आलम, रूरल एसपी, रांची