रांची(ब्यूरो)। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम इन वीर सपूतों के दिखाए रास्ते को अपनाकर राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सामूहिक रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी भी उपस्थित हैं। मैं इनका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केंद्र एवं राज्य सरकार के समन्वय और सहयोग से रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न हुआ है। यह संग्रहालय आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा का केंद्र बनेगा। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि हमारे राज्य में और भी ऐसे वीर सपूत हैं, जिनकी संघर्षमय जीवनी को आने वाले समय में इस संग्रहालय में जोड़ें ताकि आने वाली पीढिय़ों को हमारे वीर सपूतों के जीवनकाल की जानकारी से प्रेरणा मिले। मौके पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मामले मंत्री अर्जुन मुंडा ने धन्यवाद संबोधन में रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय की परिकल्पना, उद्देश्य, केंद्र एवं राज्य सरकार का समन्वय तथा सहयोग से संबंधित विषयों पर विस्तृत जानकारी साझा की। उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर रांची सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, समीर उरांव, विधायक सीपी सिंह, रांची मेयर आशा लकड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव केके सोन, राज्य सरकार के अन्य वरीय पदाधिकारीगण सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

आज का दिन ऐतिहासिक

मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज का दिन निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। 15 नवंबर यानी आज के ही दिन धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाते आ रहे हैं। आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है क्योंकि आज राजधानी रांची के पुराने जेल परिसर में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन हुआ है। इस परिसर को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रयास से एक नया रूप मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस परिसर को एक ऐतिहासिक चिन्ह बनाते हुए राज्य के कई आंदोलनकारी स्वतंत्रता सेनानियों और समाज के अगुआ लोगों का एक संग्रहण तैयार किया है, जिसके माध्यम से आने वाली पीढ़ी को बीते वक्त के इतिहास से अवगत कराया जा सकेगा।

देश में झारखंड की अलग पहचान

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कई राज्य हैं। इन राज्यों में झारखंड एक छोटा सा राज्य है, लेकिन इस राज्य का एक अलग इतिहास और स्थान है। देश की आजादी का सपना देखने से पहले यहां के लोग जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़े। झारखंड के वीर सपूत अपने देश और राज्य की अस्मिता की लड़ाई से कभी डरे नहीं। सदैव उनका संघर्ष जारी रहा। झारखंड वीर भूमि के रूप में जाना जाता है। इस राज्य के संथाल परगना, कोल्हान, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर तथा पलामू प्रमंडलों के कोने-कोने में वीर सपूतों ने जन्म लिया। जहां से इन महापुरुषों ने अपने और अपनी पीढ़ी को सुरक्षित करने तथा प्रकृति को संरक्षित करने की लड़ाईयां लड़ी।

वीर शहीदों की जीवनी

भगवान बिरसा मुंडा उद्यान सह संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र यह संग्रहालय है, जहां एक ओर भगवान बिरसा मुंडा एवं झारखंड के अन्य वीर शहीदों की जीवनी एवं भारत देश की आजादी के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष की कहानी से राज्य, देश एवं विदेश के लोगों को अवगत कराएगा, वहीं यह राज्य के पर्यटन उद्योग को नई दिशा देगा और पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

भगवान बिरसा की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा

जेल परिसर के बाहर भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इस पूरे परिसर में लेजर और लाइट शो, चित्रपट एवं म्यूजिकल फाउंटेन के माध्यम से जनजातीय क्रांति एवं झारखंड के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के जीवनी एवं संघर्षों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा मुख्य भवन के आगे प्रांगण में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की 9 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित गई की गई है। जिनके नाम इस प्रकार हैं:- गंगा नारायण सिंह, पोटो हो, भागीरथी मांझी, वीर बुधु भगत, तेलंगा खडिय़ा, सिदो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर, दिवा-किसुन, गया मुंडा एवं टाना भगत। प्रत्येक प्रतिमा के पीछे उनकी संघर्षपूर्ण जीवन को म्यूरल्स द्वारा प्रस्तुत किया गया है।