--सभी से पांच-पांच हजार लिया, एक महीने काम करवाने के बाद वेतन नहीं देने पर सामने आया मामला

--कंपनी के कर्मी को पकड़कर पुलिस को सौंपा, पुलिस कर रही पूछताछ

रांची : रांची में एक नन बैं¨कग कंपनी में नौकरी लगाने के नाम पर छह नाबालिग सहित 19 लड़कियों की ट्रैफि¨कग की गई है। लड़कियों की ट्रैफि¨कग कर बोकारो, गुमला, पलामू सहित अन्य इलाकों से नन बैं¨कग कंपनी में काम करवाने के नाम पर ट्रैफि¨कग कर रांची लाया गया। इसके बाद पुंदाग स्थित एक घर में अल्ट्रा व‌र्ल्ड इंटरनेशल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में काम करने के नाम पर रखा गया। वहां सभी को बंधक बनाकर रखा जाता था। किसी को भी निकलने नहीं दिया जा रहा था। इस तरह सभी को एक महीने तक बंधक बनाकर काम करवाया गया।

नहीं दी सैलरी

एक महीने पूरे होने के बाद न उन्हें निकलने दिया गया, न ही वेतन दिया गया। इसके बाद लड़कियों ने भाजपा नेता सह ¨हदू राष्ट्र सेना के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मिनोचा से संपर्क की। इसके बाद संजय मिनोचा मौके पर पहुंचे और लड़कियों को पुंदाग ओपी लेकर पहुंचे। वहां कंपनी में काम करने वाले अविनाश कुमार नाम के आरोपित को पुलिस के हवाले किया। फिलहाल आरोपित से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुंदाग ओपी प्रभारी अर¨वद कुमार सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। पूरी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

एसएसपी को हुई शिकायत

पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी, तब एसएसपी को शिकायत की गई। इसके बाद कार्रवाई की गई। लड़कियों को घर वापस भेजने का प्रबंध किया जा रहा है। फिलहाल सभी पुलिस की सुरक्षा में हैं।

झूठ बोलकर लाया गया रांची

पीडि़त लड़कियों के अनुसार हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अंचलजामु निवासी अविनाश कुमार ने नन बैं¨कग कंपनी में काम दिलाने की बात कह पुंदाग स्थित अल्ट्रा व‌र्ल्ड इंटरनेशल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में लाया था। जहां नौकरी दिलाने के नाम पर सभी से पांच-पांच हजार रुपये भी लिया गया। इसके बाद करीब एक महीने तक प्रतिमाह नौ हजार रुपये के वेतन पर काम करवाया गया। सभी को बंधक बनाकर एक कमरे में रखा जा रहा था। इसके बाद किसी को वेतन नहीं दिया गया।

कॉल करने की जिम्मेवारी

भाजपा नेता सह ¨हदू राष्ट्र सेना के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मिनोचा के अनुसार उन्हें बताया गया है कि सभी लड़कियों को एक मोबाइल फोन से संबंधित डेटा दिया गया था। उन नंबरों पर संपर्क कर कंपनी में जुड़ने के लिए झांसा देने की जिम्मेवारी दी गई थी। लड़कियों की ओर से विरोध के बावजूद जबरन यही काम करवाया जाता था। इसके अलावा सभी से कहा जाता था कि ट्रे¨नग पूरा करने के बाद दूसरे राज्य भेजा जाएगा। लड़कियां डरी-सहमी थी।