रांची: दिल्ली में ह्यूमन ट्रैफिकर्स के चंगुल से रेस्क्यू कराकर लाई गई 42 बच्चियों को राज्य सरकार की तरफ से हर माह 2000 रुपयों की सहायता दी जाएगी। साथ ही उनकी पढ़ाई-लिखाई और पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम हाउस में रेस्क्यू कर लायी गयी लड़कियों से बातचीत के बाद कही है। इन बच्चियों के साथ दो लड़कों को भी छुड़ाकर लाया गया है। मुख्यमंत्री ने खुद को इन बच्चियों का बड़ा भाई बताते हुए घोषणा की कि बालिग होने तक सभी बच्चियों को सरकार प्रतिमाह 2000 रुपए गुजारा भत्ता के रूप में देगी। जो बहनें बालिग हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि जो बच्चियां पढ़ना चाहती हैं, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करेगी।

पढ़ाई खर्च उठाएंगे सीएम व सांसद

सीएम हेमंत सोरेन और राजमहल के सांसद विजय हांसदा ने एक बच्ची की पढ़ाई का खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ली। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि एक बच्ची पढ़ाई में काफी होशियार है। इसपर उन्होंने उस बच्ची की पढ़ाई का जिम्मा उठाने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि बच्ची जब तक और जहां भी पढ़ना चाहे, वह और सांसद विजय हांसदा उसकी पढ़ाई का खर्च वहन करेंगे।

मानव तस्करी रोकना है प्राथमिकता

राज्य का बाल कल्याण विभाग ऐसे बच्चों को घर वापस लाने का प्रयास कर रहा है, जिन्हें बहला-फुसला कर राज्य से बाहर भेज दिया जाता है, जहां उनका कई तरह से शोषण किया जाता है। विभाग की तरफ से रेस्क्यू कराये गये बच्चों को हुनरमंद बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

बच्चियों की होगी काउंसलिंग

दिल्ली से रेस्क्यू कराई गई बच्चियों की सामाजिक संस्थाओं द्वारा काउंसलिंग की जाएगी। कुछ बच्चियां नक्सलियों के भय से अपने घर नहीं जाना चाहती। वैसी बच्चियों की देखरेख की व्यवस्था की जाएगी।