-सिटी में सरकारी स्टाफ्स को नहीं मिला दिसंबर का वेतन

रांची : सरकारी कर्मचारियों के लिए नया साला फीका रहा। रांची ट्रेजरी में पैसे की कमी के कारण जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को दिसंबर महीने का वेतन नहीं मिला। जबकि विभाग प्रमुखों ने अपने सभी कर्मचारियों का वेतन बनाकर भेज दिया है। लेकिन वेतन मद में पैसा नहीं रहने के कारण उनको दिसंबर महीने का पैसा नहीं दिया जा सका। पहले 25 दिसंबर से सैलरी बननी शुरू हो जाती था और 30 तारीख तक हर हाल में पैसा मिल जाता था। कभी-कभी त्योहार और विशेष मौकों पर कर्मचारियों को 25 तारीख को ही वेतन मिल जाता था।

अभी बन रहा है वेतन

जिले के एक अंचल अधिकारी ने बताया कि हमारे पास वेतन मद में पैसा नहीं है। इस कारण कर्मचारियों को पैसा नहीं दिया जा सका है। उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर से ही सभी कर्मचारियों का वेतन बनाकर तैयार कर लिया गया है, लेकिन पैसा नहीं रहने के कारण सैलरी नहीं मिल पाई है। हालांकि यह कहा जा रहा है कि आने वाले एक-दो दिनों में सभी को सैलरी दे दी जाएगी।

कांट्रैक्ट वालों को 4 माह से निराशा

सरकारी कर्मचारियों को तो देर सवेर सरकार पैसा दे दे रही है, लेकिन रांची जिले में जो लोग अनुबंध पर काम कर रहे हैं, जैसे ड्राइवर, हेल्पर या विभाग में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी उनको चार महीने से वेतन नहीं मिला है। ये सभी लोग जिन विभागों में जिन अधिकारियों के अंदर काम कर रहे हैं उन लोगों ने इनका वेतन हर महीने बनाकर भेजा। लेकिन इनकी सैलरी पर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है और पैसा नहीं मिल पा रहा है।

ट्रेजरी में भी नहीं है पैसा

वेतन देने के लिए ट्रेजरी के पास भी पैसा उपलब्ध नहीं है। इस कारण कर्मचारियों को वेतन देने में लेटलतीफी हो रही है। वित्त विभाग से सभी ट्रेजरी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि कोई भी बड़ा पेमेंट करने से पहले वित्त विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाए, उसके बाद ही पेमेंट जारी किया जाए। बड़ा पेमेंट तो कुछ हो नहीं पा रहा है। लेकिन जो सरकारी कर्मचारी हैं उनको भी हर महीने जो सैलरी मिलती है वो लटकी हुई है।

सरप्लस बजट रहा है

शुरुआत में झारखंड में सरप्लस बजट होने के कारण पूरे देश में चर्चा होती थी। सरकार के पास ट्रेजरी में इतना पैसा पड़ा रहता था कि समय पर सरकारी कर्मचारियों को सैलरी मिलती थी। समय पर सभी तरह के भुगतान हो जाते थे। उसके बाद भी सरकार के खाते में पैसा पड़ा रहता था। लेकिन अब स्थिति यह है कि सरकार के खाते में अपने सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं बच रहे हैं।

रांची में 73 हजार से अधिक सरकारी स्टाफ

रांची जिले में हर महीने करीब 73 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं जिनको ट्रेजरी से हर महीने सैलरी मिलती है। लेकन पिछले कई महीने से उनका सैलरी का सिस्टम गड़बड़ हो गया है। समय पर सैलरी नहीं मिल पा रही है।

सरकार के पास नहीं है पैसा

राज्य सरकार के खजाने में पैसा नहीं है, इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार को रेवेन्यू नहीं मिल पा रहा है। जीएसटी लागू होने की वजह से कॉमर्शियल टैक्स का रेट कम हो गया। जिस सामान पर जीएसटी ज्यादा है, उसका रेवेन्यू सीधे केंद्र सरकार के खाते में चला जा रहा है। जिस सामान पर राज्य सरकार को 12 परसेंट टैक्स मिलता था, वह अब घटकर चार परसेंट हो गया है। वहीं, राज्य की महिलाओं को मात्र 1 रुपए की टोकन मनी पर जमीन रजिस्ट्री करने से भी सरकार की आय में कमी आई है।

बहुत सारे कर्मचारियों को सैलरी मिल गई है। कुछ लोगों को ही नहीं मिल पाई है। वित विभाग की ओर से लेटर आने के बाद सैलरी दे दी जाएगी। बिल बनाकर तैयार रखा गया है।

मनोज कुमार, ट्रेजरी ऑफिसर, रांची