रांची(ब्यूरो)। अब घाट से अवैध बालू की चोरी और सरकार के द्वारा तय क्षमता से अधिक गिट्टी की ढुलाई नहीं हो सकेगी। रांची सहित राज्य भर में अब खनिजों का परिवहन करनेवाली सभी गाडिय़ों में जीपीएस और व्हेकिल ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य के खान एवं भू-तत्व विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में खनिजों का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को इसके लिए निर्देश जारी किये गये हैं। यह कदम खनिजों की चोरी, अवैध परिवहन और वाहनों पर क्षमता से अधिक माल उठाने पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। खान एवं भूतत्व विभाग ने झारखंड मिनरल्स रुल्स 2017 के तहत निर्देश दिया है कि 60 दिनों के अंदर वे गाडिय़ों में जीपीएस और वाहन ट्रैकिंग डिवाइस लगा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। जीपीएस और वीटीडी के लिए इम्पैनल कंपनियों की सूची भी जारी की गयी है। जीपीएस और वीटीडी लगाने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर गाडिय़ों का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए ट्रांसपोर्टरों को दिसंबर तक का वक्त दिया गया है।

गाडिय़ों की प्रॉपर ट्रैकिंग हो सकेगी

खान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब जीपीएस के जरिये ट्रैक किया जाएगा कि खदानों से खनिज लेकर गाड़ी कहां गयी, किस गाड़ी में कितनी मात्रा में खनिजों का उठाव हुआ और वह तय परमिट और रूट के बजाय कहीं और तो नहीं ले जायी गयीं। वाहन मालिकों के नाम जारी निर्देश में कहा गया है कि ऐसा नहीं किये जाने पर किसी भी गाड़ी को खनिजों का उठाव नहीं करने दिया जाएगा। इसका उल्लंघन होता है तो विभाग द्वारा खनिज परिवहन चालान तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला लिया जा सकता है।

जीपीएस के लिए कंपनियों का भी चयन

जीपीएस लगाने के लिए सरकार की ओर से एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी ने अपने जीपीएस के बारे में वाहन मालिकों व कंपनी को विस्तृत जानकारी दी है। यह भी बताया कि वाहन में जीपीएस कैसे काम करेगा। इसे लगाने में कितना खर्च आएगा। वाहनों में जीपीएस लग जाने के बाद रांची में बैठे अधिकारी यह देख पाएंगे कि किस वाहन में लदा खनिज कहां जा रहा है।

दिसंबर तक लगाना जरूरी

विभाग के मुताबिक खनन पट्टाधारकों और वाहन स्वामियों के लिए जरूरी है कि गाडिय़ों में वाहन ट्रैकिंग डिवाइस लगाया जाए। इसे जीपीएस के जरिए ट्रैक किया जाएगा। इससे पता लग सकेगा कि गाड़ी कहां है, उसके जरिये खनिजों का कितना उठाव हुआ है। साथ ही अन्य जानकारियां भी मिल सकेंगी। इसके लिए सप्लायर को विभाग द्वारा इम्पैनल किया गया है। इसकी सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। संबंधित व्यक्ति वेबसाइट पर जाकर किसी भी कंपनी का वाहन ट्रैकिंग डिवाइस मंगाकर लगा सकते हैं। इस आदेश को हर जिले में जिला खनन कार्यालय की ओर से जारी करते हुए कहा गया है कि 60 दिनों के अंदर यानि दिसंबर, 2021 के आखिर तक लगाना जरूरी होगा।

हो सकती है कानूनी कार्रवाई

अलग-अलग जिलों में जिला खनन कार्यालय की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि झारखंड मिनरल्स रुल्स 2017 के तहत खनिजों के उठाव में लगी गाडिय़ों में हर हाल में जीपीएस लगाना है। ऐसा नहीं किये जाने पर किसी भी गाड़ी को खनिजों का उठाव नहीं करने दिया जाएगा। इसका उल्लंघन होता है तो विभाग द्वारा खनिज परिवहन चालान तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला लिया जा सकता है