रांची(ब्यूरो)।सिटी के कांटाटोली खादगढ़ा बस स्टैंड में गुंडा टैक्स वसूली का खेल जारी है। बस स्टैंड कैंपस में एंट्री करते ही आपको गुंडा टैक्स देना पड़ेगा। भले आपका काम सिर्फ पांच मिनट का ही क्यों न हो, स्टैंड में खड़े एजेंट बगैर पैसा लिये आपको जाने नहीं देंगे। कई लोग अपने परिजनों को बस स्टैंड छोडऩे आते हैं और उतार कर चले जाते हैं। यानी दो मिनट भी गाड़ी खड़ी नहीं करते लेकिन गुंडा टैक्स तो देना ही होगा। आलम यह है कि स्टैंड में गाड़ी पार्क करने से पहले ही टैक्स ले लिया जाता है, जबकि पार्किंग में गाड़ी लगाने के बाद पर्ची काटने का नियम है। लेकिन यहां के एजेंट सभी नियमों से ऊपर हैं। तभी तो स्टैंड परिसर में गाड़ी के प्रवेश करते ही ठेकेदार के एजेंट गाड़ी को हाथ देकर रुकवाते हैं और उसी जगह पैसा वसूल लेते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की स्टिंग में सभी तस्वीरें कैद हुई हैं। किस तरह एजेंट द्वारा यहां आने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है, वो सबकुछ स्टिंग में कैद हो चुका है।

गाड़ी धीमी हुई नहीं की भरो टैक्स

खादगड़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में पार्किंग का ठेका साजिद मलिक को दिया गया है। पार्किंग के लिए जगह भी चिन्हित है जहां गाड़ी पार्क करने के बाद ही पार्किंग शुल्क ले लिया जाता है। लेकिन ठेकेदार के एजेंट इतना इंतजार नहीं करते। जैसे ही टू व्हीलर, फोर व्हीलर या कोई भी गाड़ी स्टैंड में प्रवेश करती है वैसे ही पर्ची पकड़ा कर पैसे वसूल लिये जाते हैं। टू व्हीलर से दस और फोर व्हीलर से 20 रुपए वसूला जाता है। जो लोग इसका विरोध करते है उन्हें गाड़ी बाहर लगा कर आने को कहा जाता है। एजेंट आम पब्लिक के साथ बदसलूकी भी करते हैं। मजबूर होकर लोगों को पैसा देना ही होता है। बस स्टैंड कैंपस में डीजे आईनेक्स्ट की टीम करीब आधे घंटे रही। इस दौरान दर्जनों बाइक, ई-रिक्शा और फोर व्हीलर चालक से पैसा वसूला गया। मनमाने तरीके से पैसे वसूलने के कारण कई बार यहां आम पब्लिक और एजेंट के बीच नोकझोंंक की स्थिति भी बन जाती है।

प्रशासन बना अनजान

ऐसा नहीं है कि इस खेल की जानकारी पुलिस को नहीं है। सबकुछ जानते हुए पुलिस भी मूकदर्शक बनी रहती है। एजेंट जिस स्थान पर पार्किंग की अवैध वसूली कर रहे थे वहां से पीसीआर की गाड़ी भी गुजरी, लेकिन गाड़ी में बैठे किसी भी पुलिस ने एजेंट को टोकना तक जरूरी नहीं समझा। एजेंट पार्किंग शुल्क के बदले एक पर्ची भी दे रहे थे। पैसे देने वाले एक व्यक्ति से जब रिपोर्टर ने बात की तो उसने बताया कि पैसा नहीं देने पर वे लोग अंदर जाने भी नहीं देते। बस में सामान देना जरूरी था। इसलिए पैसे देकर मैं अंदर आ गया। हालांकि, पांच मिनट में ही मेरा खत्म हो गया, लेकिन एजेंट को इससे कोई मतलब नहीं।

डेली हजारों लोगों का है आना-जाना

भगवान बिरसा मुंडा बस टर्मिनल राजधानी रांची का सबसे बड़ा बस टर्मिनल है, जिसकी निगरानी रांची नगर निगम करता है। हर साल इसकी देखरेख के लिए नगर निगम की ओर से टेंडर जारी किया जाता है। लेकिन जब-जब जिन्होंने भी टेंडर लिया यहां अवैध वसूली का खेल चलता रहा। वर्तमान में साजिद मलिक के नाम टेंडर है। इससे पहले यूसुफ खान पार्किंग ले रहे थे। लेकिन अवैध वसूली का खेल उस वक्त भी चल रहा था। मामला सामने आने पर कुछ दिनों तक थोड़ी सख्ती बरती जाती है, लेकिन फिर हालात वैसी ही हो जाती है। नगर निगम की ओर से 3 घंटे की पार्किंग के लिए पांच रुपए पार्किंग शुल्क लेना तय हुआ है। लेकिन एजेंट मनमाने तरीके से शुल्क वसूलते हैं। बता दें कि खादगढ़ा बस स्टैंड से झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार, यूपी, बंगाल समेत कई जगहों के लिए हर दिन सैकड़ों बसें खुलती हैं। यहां हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना रहता है। कोई बस के बारे में सिर्फ मालूम करने आता है तो कोई किसी को रिसीव करने या ड्रॉप करने बस स्टैंड आता है। उन्हें पर्ची पकड़ा दी जाती है।

चिन्हित पार्किंग एरिया में गाड़ी पार्क होगी तभी पार्किंग शुल्क लेना है। यदि मनमाने तरीके से पैसा वसूला जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

कुंवर सिंह पाहन, डीएमसी, आरएमसी