- विभाग की लापरवाही न पड़ जाए भारी

- कंट्रोल रूम ने पॉजिटिव आने के बाद किया था संपर्क

- कल बिगड़ी तबियत तो मरीज ने खुद कंट्रोल रूम को दी सूचना

- किसी ने एक हफ्ते तक नहीं ली रिपोर्ट

राजधानी में कोरोना की रफ्तार तेज है। आए दिन 100 से अधिक मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। वहीं कुछ दिन तो कोरोना ने डबल सेंचुरी भी लगाई है। इससे कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद स्थिति यह हो गई है कि कोरोना पॉजिटिव की जानकारी मिलने के बाद उन्हें फोन तो किया जा रहा है, लेकिन कोविड सेंटर ले जाने में प्रशासन और विभाग को हफ्ते भर का समय लग जा रहा है। इस चक्कर में कई कोरोना पॉजिटिव मरीज बिना किसी बात की परवाह किए मार्केट में घूम रहे हैं। इससे न जाने कितने और लोगों में कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।

पॉजिटिव आने के बाद भी देरी

पहले कोरोना कंफर्म होने के बाद तत्काल मरीजों को इसकी जानकारी दी जाती थी। इसके बाद कुछ घंटे में ही मरीज को एंबुलेंस की मदद से कोविड ट्रीटमेंट सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाता था। लेकिन ज्यादा संख्या में मरीज आने से पूरा सिस्टम ही स्लो पड़ गया है। अब मरीज को फोन कर जानकारी दी जा रही है कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। आप जहां हैं, वहीं पर रहें। इसके बाद टीम कब आएगी इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही। इस चक्कर में मरीजों को अपने घरों में ही इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में न तो वे कोई दवा ले पा रहे हैं और न ही ट्रीटमेंट करा पा रहे हैं। अब विभाग की यह लापरवाही कोरोना मरीजों को कहीं भारी न पड़ जाए। चूंकि कई मरीज अब भी पॉजिटिव आने के बाद ट्रीटमेंट के इंतजार में हैं।

मरीज ने खुद से दी जानकारी

इस बीच रांची में चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। एक मामला तो ऐसा है, जिसमें एक हफ्ते तक न तो किसी डॉक्टर ने मरीज को कॉल किया और न ही एंबुलेंस को भेजा गया। शुक्रवार को जब मरीज की तबीयत बिगड़ी तो उसने खुद कंट्रोल रूम को कॉल किया। इसके बाद वहां से एंबुलेंस भेजा गया। साथ ही मरीज का हाल पूछा गया। इससे पहले एक हफ्ते तक किसी ने मरीज से जानकारी भी नहीं ली। अभी रिम्स के कोविड सेंटर में मरीज का इलाज किया जा रहा है। जबकि किसी डॉक्टर ने कंसल्ट किया होता, तो उसकी तबीयत खराब नहीं होती।

दो बार टेस्ट फिर भी नहीं आई टीम

बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में गारमेंट शॉप चलाने वाले ओनर ने चार दिन पहले रैपिड टेस्टिंग किट से चेक कराया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और न ही प्रशासन ने। तीन दिनों के बाद उन्होंने कंफर्म करने के लिए दोबारा से प्राइवेट लैब में टेस्ट कराया। वहां भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इस बीच वह मार्केट में भी रहे और कारोबार भी किया। इस दौरान न जाने कितने लोग उनके संपर्क में आए। इतना ही नहीं अब भी वह अपनी दुकान में बैठकर कस्टमर डील कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन ने अबतक कोई एक्शन नहीं लिया।