रांची: रांची नगर निगम ने सिटी की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, ताकि सिटी में किसी भी तरह की समस्या दूर की जा सके। फिर चाहे वो कचरा को लेकर हो या रेसिडेंशियल एरिया के कामर्शियल यूज का मामला हो, जिसपर तत्काल एक्शन लेने की बात अधिकारियों ने कही थी। लेकिन यहां तो हेल्पलाइन नंबर 0651-2200011 ही हेल्पलेस साबित हो रहा है। चूंकि कंप्लेन करने के बाद भी मामले में कोई एक्शन नहीं हो रहा। आज भी लोग उसी परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से अपनी परेशानी शेयर की।

नहीं मिल रहा कंप्लेन नंबर

हेल्पलाइन नंबर तो रांची नगर निगम ने जारी कर दिया। जहां पर कंप्लेन तो रजिस्टर किया जाता है। लेकिन कंप्लेन करने वालों को कंप्लेन नंबर तक नहीं दिया जाता। बस उनका मोबाइल नंबर लिया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि जब टीम एक्शन के लिए जाएगी तो आपसे संपर्क कर लेगी। पर न तो कंप्लेन पर एक्शन हो रहा है और न ही कंप्लेन करने वालों को स्टेटस बताया जा रहा है। वहीं कंप्लेन नंबर नहीं होने के कारण लोग भी दोबारा कंप्लेन करने में संकोच करने लगे हैं।

एक्शन नहीं तो किस काम का हेल्पलाइन नंबर

नगर निगम ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया। जिससे कि लोग अपने इलाके की समस्याएं निगम को बताए तो इसका समाधान किया जाएगा। वहीं कंप्लेन करने वाले का नाम भी गुप्त रखा जाएगा। लेकिन अपार्टमेंट में गोडाउन, पॉश एरिया में खटाल, रेसिडेंशियल एरिया में ड्रेनेज ओवर फ्लो की कंप्लेन पर कोई एक्शन नहीं हुआ। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब एक्शन नहीं लेना था तो हेल्पलाइन नंबर क्यों जारी किया गया।

केस-1

बांग्ला स्कूल के पास 23 ओसीसी कंपाउंड में पार्किग का इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा है, जहां पर प्लाई का गोदाम बना दिया गया है। इस वजह से लोगों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है। इसकी कंप्लेन 1 फरवरी को दर्ज कराई गई, लेकिन आजतक कोई एक्शन नहीं हुआ।

केस-2

कांके रोड रिलायंस मार्ट के अपोजिट हंस मार्ग में खटाल चलाने को लेकर कंप्लेन पहले भी कई बार की गई। कंट्रोल रूम में भी फोन कर कंप्लेन लिखवाया गया। बताया गया कि खटाल के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वेस्ट को नाले में बहाया जा रहा है। लेकिन आजतक उसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

केस-3

चेशायर होम रोड में आलू गोदाम के पास ड्रेनेज ओवर फ्लो की समस्या है। इसे लेकर कंट्रोल रूम में कंप्लेन की गई। जहां पर नाला ओवर फ्लो हो रहा है। वहीं गाडि़यों के आने से पैदल चलने वालों को दिक्कत होती है। फिर भी न तो ड्रेनेज की सफाई कराई गई और न कोई एक्शन हुआ।