RANCHI: राज्य सरकार भवन व निर्माण क्षेत्र से जुड़े निबंधित भ्0 हजार श्रमिकों को जूते और हेलमेट उपलब्ध देगी। झारखंड भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में इसे शामिल किया गया है। अब तक बोर्ड द्वारा निबंधित श्रमिकों को साइकिल, टूल किट्स, सिलाई मशीनें आदि मिलती रही हैं। इस बार एक मई को मजदूर दिवस के मौके पर जूते व हेलमेट बांटे जाएंगे। ये बातें श्रम मंत्री राज पलिवार ने शनिवार को नेपाल हाउस सचिवालय स्थित अपने ऑफिस में कहीं।

क् मई को श्रमिक अधिकार दिवस

उन्होंने कहा कि सरकार ने मजदूर दिवस एक मई को श्रमिक अधिकार दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन सभी जिला मुख्यालयों में वृहत कार्यक्रम आयोजित कर निबंधित भ्0 हजार श्रमिकों के बीच जूते, हेलमेट के अलावा साइकिल, सिलाई मशीन तथा टूल्स भी वितरित किए जाएंगे।

सीएम करेंगे सम्मानित

इसी दिन राज्य स्तरीय मुख्य समारोह रांची के प्रोजेक्ट भवन सभागार में होगा। इसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास उत्कृष्ट श्रमिकों को सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर वे कई योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे। समाधान पोर्टल तैयार करनेवाले जैप आइटी को भी सम्मानित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ख्म्-ख्8 अप्रैल को अभियान चलाकर असंगठित व भवन निर्माण श्रमिकों का निबंधन कराया जाएगा।

इन योजनाओं का होगा शुभारंभ

-श्रमिकों तथा श्रमिक संघों का ऑनलाइन निबंधन

-श्रमिक संघों के ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था

-श्रमिक समस्याओं के ख्ब् घंटे के भीतर समाधान के लिए टॉल फ्री नंबर

-व्यवसायियों के ऑनलाइन रिटर्न व आनलाइन पंजी।

-ऑनलाइन प्रतिवेदन।

मजदूर दिवस पर होती थी खानापूर्ति : मंत्री

मंत्री राज पलिवार ने कहा कि पूर्व में मजदूर दिवस के अवसर पर सिर्फ खानापूर्ति होती थी। पांच सितारा होटलों में श्रमिकों के अधिकारों पर चर्चा होती थी। उनकी सरकार ने जिला मुख्यालयों में इसे मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें संबंधित प्रभारी मंत्री, सांसद व विधायक अतिथि होंगे। उन्होंने पूर्व की सरकारों द्वारा बीड़ी मजदूरों को प्रसाद की तरह आवास बांटे जाने का आरोप लगाया।

टेंडर हुआ नहीं, शुरू होगी योजना

श्रमिकों के बीच वितरित किए जानेवाले जूते, हेलमेट सहित अन्य सामान का अभी टेंडर नहीं हुआ है। मंत्री ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि कार्यक्रम में श्रमिकों को प्रतीक के रूप में कूपन दिया जाएगा। बाद में टेंडर होने पर श्रमिक चयनित एजेंसी से उसे ले सकेंगे। जूते और हेलमेट देने का निर्णय तुरंत लिया गया है। उल्लेखनीय है कि भवन व निर्माण क्षेत्र में हो रहे कार्य में संवेदकों को कुल लागत का एक फीसदी सेस के रूप में बोर्ड को देना पड़ता है। इसी राशि से ये कल्याणकारी योजनाएं चलती हैं। अभी तक बोर्ड के पास सेस के रूप में क्भ्0 करोड़ रुपए जमा हैं। योजनाओं का लाभ अब सफाई मजदूरों को भी मिलेगा।