रांची (ब्यूरो)। शहर के लोगों के लिए रांची नगर निगम सुविधाएं कम और परेशान ज्यादा कर रहा है। दो महीने पहले निगम ने होल्डिंग टैक्स बढ़ाकर लोगों को मुसीबत में डाला। अब निगम ने नया आदेश जारी किया है। अब साइट वेरिफिकेशन करने के बाद ही होल्डिंग नंबर दिया जाएगा। अब तक सेल्फ एफिडिफिट के आधार पर ही लोगों को होल्डिंग नंबर मिलता था।

अब समय अधिक लगेगा

लोगों को होल्डिंग नंबर लेने में वक्त ज्यादा लगेगा। रांची नगर निगम से होल्डिंग नंबर लेना अब आसान नहीं होगा। प्राइवेट एजेंसी के टैक्स कलेक्टरों की मनमानी को देखते हुए नगर निगम ने यह बदलाव किया है। नए नियम के तहत होल्डिंग नंबर के लिए आवेदन करने के बाद निगम के टैक्स कलेक्टर साइट वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद ही आवेदक को होल्डिंग नंबर जारी किया जाएगा।

लगते थे सात दिन

निगम से मिली जानकारी के मुताबिक पहले होल्डिंग नंबर तीन से सात सात दिनों में मिल जाता था। अब होल्डिंग नंबर के लिए आवेदन जमा होने के बाद सबसे पहले यह डिलिंग असिस्टेंट के पास जाएगा, जहां कागजातों की जांच के बाद टैक्स कलेक्टर के पास भेजा जाएगा। टैक्स कलेक्टर साइट वेरिफिकेशन करके रिपोर्ट अपलोड करेगा। इसके बाद सिटी मैनेजर के लॉगइन में जाएगा। वहां से अपर नगर आयुक्त के पास जाएगा। इसके बाद नया होल्डिंग नंबर मिलेगा।

अभी यह व्यवस्था है

वर्तमान में होल्डिंग नंबर घोषणा पत्र के आधार पर ही मिल जाता था। इसमें आवेदक बताना होता था कि उसका मकान का कितना बड़ा है या उसकी जमीन कितनी बड़ी है। आवेदन जमा होने के बाद डिलिंग असिस्टेंट के पास पहुंचता था, फि र डीलिंग असिस्टेंट स्व घोषणा पत्र और जमीन के कागजात देखकर होल्डिंग नंबर जारी कर देता था।

बढ़ गया है होल्डिंग टैक्स

शहर में होल्डिंग टैक्स मई से बढ़ गया है। नगर निगम ने तय किया है कि अब सर्किल रेट के आधार पर टैक्स की वसूली की जाएगी। इसके तहत आवासीय भवनों का टैक्स 15 से 25 परसेंट तक बढ़़़ गया है। झारखंड सरकार ने होल्डिंग टैक्स नियमावली में बदलाव करते हुए इसमें भारी बढ़़़ोतरी कर दी है। वहीं सर्किल रेट के अनुसार टैक्स वसूलने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। सरकार ने इस बार सभी स्ट्रक्चर को अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया है। इसमें रेसिडेंशियल, पार्शियल रेसिडेंशियल, कॉमर्शियल एरिया होगा। इसके अलावा राच्य सरकार ने होटल, बार, क्लब, जिम, मैरेज हॉल से तीन गुना अधिक टैक्स लेने का निर्णय लिया है, जबकि दुकान, शोरूम, मॉल, सिनेमा हाल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस से 2.5 गुना टैक्स की वसूली होगी। पेट्रोल पंप और अन्य कॉमर्शियल एरिया में जहां भूमिगत क्षेत्र का यूज हो रहा है वहां भूमिगत क्षेत्रफल को कॉरपेट एरिया में जोड़ा गया है।