-अप्रैल में मेदांता में हुई थी बाइपास सर्जरी

-आपरेशन के बाद इंफेक्शन, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

-काफी हो-हंगामे के बाद शव गढ़वा ले गए परिजन

-मौत के बाद 1.70 लाख रुपए का थमाया बिल

RANCHI: इरबा स्थित मेदांता हास्पिटल में शुक्रवार को बिना बिल भरे शव नहीं दिए जाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच परिजनों ने प्रबंधन के सामने लाख मिन्नतें कीं, लेकिन प्रबंधन का कलेजा नहीं पसीजा। वे लोग बिल भरने के बाद ही शव ले जाने की बात पर अड़े रहे। काफी देर हंगामा होने के बाद प्रबंधन ने शव ले जाने की परमिशन दे दी। इसके बाद संजय और उनके परिजन शव को लेकर गढ़वा चले गए। बताते चलें कि मेदांता में बाइपास सर्जरी कराने के बाद संजय पांडेय के पिता की हालत खराब होती जा रही थी।

बिगड़ती रही बीमारी, बढ़ता रहा बिल

संजय ने बताया कि अप्रैल में पिताजी की बाइपास सर्जरी कराई गई थी। उसके बाद से लगातार उनके पिताजी को बीमारियां परेशान करने लगीं। धीरे-धीरे उनके पैर में इंफेक्शन हो गया और उन्हें कुछ और बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद दोबारा उन्हें मेदांता में एडमिट कराया गया, तो फिर से इलाज शुरू किया गया। हास्पिटल वाले बिल बनाते गए और संजय बिल का भुगतान करने में लगे रहे। दो दिन पहले ही उन्होंने हास्पिटल में एक लाख जमा कराया था। वहीं शुक्रवार को मरीज की मौत के बाद संजय को क्.70 लाख का बिल थमा दिया गया।

फटा अल्सर, डॉक्टरों ने सुनी नहीं

संजय ने बताया कि इलाज के दौरान उन्हें काफी एंटीबायोटिक दिया गया। इससे उनका अल्सर फट गया। हमलोगों ने जब इस बारे में डॉक्टरों को सूचना दी, तो डॉक्टरों ने इसे अनसुना कर दिया। इसके बाद बुधवार से उन्हें डॉक्टरों ने वेंटीलेटर पर रख दिया। शुक्रवार को घरवालों को हास्पिटल से फोन कर बताया गया कि उनकी डेथ हो गई है।