रांची (ब्यूरो) । राजधानी को जाम फ्री बनाने के लिए कई निर्णय लिये गए। लेकिन किसी भी निर्णय पर सकारात्मक काम नहीं हुआ है। सिर्फ कागजों पर ही सिटी को जाम फ्री बनाया जा रहा है। शहर में जाम बढ़ाने में अवैध ऑटो के साथ-साथ अवैध ऑटो स्टैंड का भी बड़ा रोल है। इन अवैध ऑटो स्टैंड को हटाने का निर्णय भी लिया गया। लेकिन इस दिशा में एक कदम भी काम नहीं हुआ। हालांकि, अवैध ऑटो चालकों पर कुछ-बहुत कार्रवाई जरूर हुई, लेकिन अब वह भी सुस्त पड़ चुकी है। फिर से राजधानी में अवैध ऑटो की भरमार देखी जा रही है। राजधानी रांची के प्रमुख चौराहों पर अवैध ऑटो स्टैंड के कारण हर दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। आलम यह है कि चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए खड़े पुलिसकर्मियों की आंखों के सामने यह सब हो रहा है पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सडक़ पर गुजरने वाले राहगीरों का कहना है कि इन अवैध ऑटो स्टैंड को पनपने देने में वहां खड़े पुलिसकर्मियों का भी हाथ होता है। पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है, इधर जाम में गाडिय़ां रेंगती रहती हैं।

कंप्लेन पर भी कार्रवाई नहीं

कई बार लोग ट्वीटर और दूसरे सोशल मीडिया के माध्यम से वरीय अधिकारियों तक शिकायत पहुंचा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। कुछ स्थानों पर तो नगर निगम खुद ही स्टैंड को लीगल रूप देने में जुटा हुआ है। रातू रोड चौराहा जहां सबसे ज्यादा समस्या रहती है। रातू रोड चौक से लेकर किशोरी यादव चौक तक पूरे दिन काफी खराब हालत रहती है। ऑटो और लोकल बस स्टैंड की वजह से यहां जाम लगा रहता है। फिर भी नगर निगम इस स्थान से ऑटो और लोकल बस स्टैंड को दूसरी जगह पर शिफ्ट नहीं कर रहा है। इसी प्रकार नागा बाबा खटाल के सामने, चडरी, जेवियर कॉलेज के सामने, ओल्ड एचबी रोड में भी ऑटो स्टैंड की वजह से ही जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है।

सिर्फ खदेडक़र कार्रवाई की खानापूर्ति

चौक-चौराहों पर पूरे दिन ऑटो, ई-रिक्शा और मिनी बस खड़े रहते है। ट्रैफिक पुलिस और आरएमसी की लापरवाही की वजह से यहां लोगों को रोज जाम से जूझना पड़ता है। अवैध ऑटो स्टैंड के साथ-साथ ऑटो ड्राइवर ऑटो को स्टैंड पर भी खड़ा कर देते है। आधी सडक़ पर ऑटो चालकों का कब्जा रहता है। सवारी बिठाने के लिए काफी देर सडक़ पर ऑटो खड़ी रखते है। तबतक नहीं हटते जब-तक ऑटो में पांच-छह सवारी न बैठ जाए। वहीं यदि कोई राहगीर इन्हें रोकता-टोकता है तो ये लोग उसी से उलझना शुरू कर देते हैं। आम लोगों ने बताया कि अवैध ऑटो से लेकर अवैध ऑटो स्टैंड को पुलिस और नगर निगम का सरंक्षण प्राप्त है।