रांची: किसी भी सिटी की पहचान उसकी सड़क, बिजली और पानी से होती है। लेकिन, राजधानी रांची इन तीनों ही मामलों में काफी पीछे है। सिटी की सड़क की हालत किसी से छिपी नहीं है। सड़क निर्माण में लापरवाही का खामियाजा आम पब्लिक को उठाना पड़ रहा है। पथ निर्माण विभाग और ठेकेदार की मनमानी की वजह से निर्दोष व्यक्ति दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल है वार्ड संख्या 28 की मधुकम बस्ती का, यहां दो साल पहले एक पक्की सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। आधे दूर निर्माण कर काम छोड़ दिया गया। लगभग दो किमी तक ही सड़क बनाई गई। लेकिन इसके आगे का हिस्सा आज तक नहीं बनाया गया, जिस स्थान तक सड़क बनी है वहां तक स्थिति ठीक है। लेकिन इसके आगे की स्थिति नारकीय हो चुकी है। आसपास के लोगों को यहां से गुजरने में काफी परेशानी होती है। कई बार इस जगह दुर्घटना भी हो चुकी है। हर दिन बच्चे और बूढे़ यहां गिरते रहते हैं। यह सड़क आगे जाकर मधुकम बस्ती में मिल जाती है। बस्ती का हाल और भी ज्यादा खराब है। आसपास के लोगों ने बताया कि डेढ़ साल पहले नाली निर्माण के लिए खुदाई की गई थी। उसे भी ऐसे ही छोड़ दिया गया है। अब कच्ची सड़क पर रखी नाली खुदाई की मिट्टी से कीचड़ में तब्दील हो गई है। अभी हल्की बारिश हुई है और हालात खराब हो गए हैं।

बीमारी का डर

सड़क और नाली नहीं बनने की वजह से मुहल्ले की स्थिति दयनीय है। यहां के लोगों को डर सता रहा है कोरोना काल में गंदगी की वजह से कोई गंभीर बीमारी न फैल जाए। सड़क का निर्माण नहीं होने की वजह से इस इलाके में स्ट्रीट लाइट भी नहीं लग पाई है, जिस वजह से क्षेत्र में रात के वक्त अंधेरा छाया रहता है। कई बार छिनतई समेत अन्य क्राइम हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत वार्ड पार्षद रश्मि चौधरी से भी की गई है। लेकिन पार्षद ने भी ध्यान नहीं दिया। सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि आए दिन एक्सीडेंट हो रहा है। खासकर रात के वक्त कई हादसे हो चुके हैं।

लोगों ने बताई परेशानी

बहुत परेशानी होती है। आने-जाने के लिए यह एकमात्र रास्ता है। दो साल से हमलोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। गंदगी और बदबू के बीच रहने को मजबूर हैं। कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई पहल नहीं हुई।

-अजीत तिर्की

बाजार जाने में दिक्कत होती है। बच्चों को लेकर चलने में भी डर लगता है। रात के अंधेरे में गिर भी चुके हैं। चुनाव के वक्त तो कई लोग आते हैं। आश्वासन देते हैं लेकिन होता कुछ नहीं है।

-खुशबू कुमारी

दो साल से रोड ऐसे ही है। आधा दूर बना के छोड़ दिया गया है, जिससे दुर्घटना का और ज्याद डर बना रहता है। इधर नाली भी नहीं बनाई गई। खुदाई करके ऐसे ही छोड़ दिया गया है।

-बबली कुमारी

मुहल्ले में आज तक विकास कार्य नहीं किए गए हैं। गंदगी फैली रहती है। कभी साफ-सफाई नहीं होती। पानी की भी समस्या है। रोड नहीं रहने से आने-जाने में तकलीफ होती है। बच्चे और महिलाएं कई बार यहां गिर चुके हैं।

-सीता देवी