रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि समाज अब स्वास्थ्य व्यवस्था को नजरअंदाज कर आगे नहीं बढ़ सकता है। पिछली सरकार में पलामू, हजारीबाग और दुमका मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ था। वर्तमान सरकार इन भवनों को पूरा करते हुए इन्हें प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित करने को प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर पलामू, हजारीबाग और दुमका मेडिकल कॉलेज के नाम बदलने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम अब मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज होगा। इसी तरह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अब शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और दुमका मेडिकल कॉलेज फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के नाम से जाना जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस समारोह पर मुख्यमंत्री का पूरा संबोधन झारखंड और झारखंडवासियों के हितों के इर्द-गिर्द ही रहा। झारखंड की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में स्थानीयता नीति को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थानीयता की जो परिभाषा दी गई है, वह झारखंड के आंदोलनकारियों के सपनों और यहां के मूलवासियों-आदिवासियों की भावना के अनुरूप नहीं है। इसे केंद्र में रखकर इसे पुन: परिभाषित करने के लिए सरकार जल्द ही एक समिति का गठन करेगी।

सीएम ने इस दौरान झारखंडियों को उनका हक दिलाने और झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को कायम रखने पर जोर दिया। इस बीच उन्होंने निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी स्थानीय लोगों के लिए कम से कम 75 फीसद पद आरक्षित करने की घोषणा की। साथ ही सरकारी नियुक्तियों में पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किए जाने की बात कही। इसी तरह अनुबंध कर्मियों की समस्याओं के निदान के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन का भी वादा किया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान जहां कोरोना संक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई को जनता से साझा किया, वहीं राज्य के वंचितों, आदिवासियों, महिलाओं के अधिकार और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार के संकल्प को दोहराया। इस बीच उन्होंने देश की सुरक्षा में समर्पित वीर सैनिकों का नमन किया। विशेष तौर पर गलवन घाटी में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए झारखंड के वीर गणेश हांसदा व कुणाल ओझा तथा कश्मीर में आंतकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुए कुलदीप उरांव को नमन किया। इस दौरान उन्होंने झारखंड के श्रमिकों के योगदान की भी चर्चा की। कहा कि हमारे श्रमिकों ने दशकों से सीमाओं पर सड़क का निर्माण अपने खून-पसीने से किया है। वीर श्रमिकों के खून पसीने से आज लेह-लद्दाख की मिट्टी में झारखंड की मिट्टी भी घुल गई है। देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं, देश की रक्षा और सुरक्षा में भी झारखंडवासियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। उन्होंने सड़क निर्माण के दौरान शहीद हुए वीर शिव ठाकुर को भी याद किया।

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झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को प्रति¨बबित कर रहा है नया प्रतीक चिह्न

मुख्यमंत्री ने राज्य के नए प्रतीक चिह्न का जिक्र करते हुए कहा कि मैं जब भी राज्य के प्रतीक चिह्न को देखता था तो महसूस होता था कि यह झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर, वन संपदा और समृद्धि को प्रति¨बबित नहीं करता। यह बताते हुए मुझे आज हर्ष हो रहा है कि झारखंड को नया प्रतीक चिह्न मिल गया है, जो यहां की सांस्कृतिक धरोहर, वन संपदा और समृद्धि को प्रति¨बबित कर रहा है।

शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ का होगा गठन, श्रमिकों को झारखंड में ही मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों को राज्य में ही काम उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार दीर्घकालिक लक्ष्यों पर काम कर रही है। शहीद निर्मल महतो श्रमिक महासंघ नामक नई संस्था के गठन का निर्णय लिया गया है। वहीं शहरी क्षेत्र में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शहरी रोजगार गारंटी योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत प्रत्येक इच्छुक परिवारों को वर्ष में सौ दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है।

एक सप्ताह के अंदर दुमका में शुरू हो जाएगी जांच

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय कोराना संकट आया तब राज्य में एक भी जांच केंद्र नहीं था। सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजे जाते थे। इसके बाद रांची, धनबाद और जमशेदपुर में कार्यरत मेडिकल कॉलेज तथा इटकी आरोग्यशाला में आरटीपीसीआर प्रयोगशाला की शुरुआत की गई। राज्य के तीन नए चिकित्सा महाविद्यालयों में पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में प्रयोगशाला स्थापित हो चुकी है। एक सप्ताह के अंदर दुमका मेडिकल कॉलेज में भी जांच की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। जिला स्तर पर जांच की सुविधा के लिए 97 ट्रूनेट मशीनों की स्थापना की गई है। आगे इन मशीनों की स्थापना प्रखंड स्तर पर भी की जाएगी।

5000 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में किया जाएगा विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। राज्य सरकार ने 5000 विद्यालयों को शिक्षक-छात्र, प्रशिक्षक, खेल मैदान, पुस्तकालय सहित सभी सुविधाओं से युक्त करते हुए सोबरन मांझी आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

हो, कुड़ुख और मुंडारी को आठवीं सूची में करेंगे शामिल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हो, कुड़ुख एवं मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयासरत है। इससे संबंधित प्रस्ताव ठोस अनुशंसा के साथ भारत सरकार को भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

स्थापना दिवस के मौके पर लागू होगी नई खेल नीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नई खेल नीति लागू करने जा रही है। नई खेल नीति स्थापना दिवस के अवसर पर लागू कर दी जाएगी। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडि़यों को नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान भी नई खेल नीति में किया जा रहा है।

अन्य घोषणाएं

- तसर रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 6250 रेशम उत्पादकों को कीट पालन का तकनीकी प्रशिक्षण देगी।

- रांची के कांके में 28.69 करोड़ की लागत से टीकौषधि उत्पादन केंद्र एवं प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है। यहां लगभग एक करोड़ टीकों का उत्पादन किया जाएगा।

- किसानों की आय के साधन बढ़ाने के लिए शुरू होगी मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना।

- ग्रामीणों को वनोत्पाद का सही मूल्य मिले इसके लिए सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोत्पाद सहकारी महासंघ का गठन किया जाएगा।