रांची: झारखंड में इंडस्ट्रियल हब रोजगार के द्वार खोलेगा। जी हां, अब एक ही जगह फार्मा पार्क, प्लास्टिक पार्क, फूड प्रॉसेसिंग यूनिट पार्क बनाया जाएगा। इन अलग-अलग जगहों पर इससे संबंधित छोटे-बड़े उद्योग लगाए जाएंगे। राज्य में झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इस नई पॉलिसी में राज्य के अंदर खास किस्म के उद्योगों के लिए अलग-अलग पार्क बनाने की योजना है। दवा कंपनियों के लिए अलग, प्लास्टिक से जुड़े उद्योगों के लिए अलग, फूड प्रॉसेसिंग से जुड़े उद्योगों के लिए अलग-अलग पार्क बनाने की योजना है।

सभी तरह के उद्योग लगेंगे

इस नई पॉलिसी का उद्देश्य एक इंडस्ट्रियल पार्क के अंदर किसी खास उद्योग से जुड़े सभी तरह के छोटे-बड़े उद्योग हों, ताकि उद्योगपतियों को एक ही क्षेत्र में उनकी जरूरत के सभी उत्पाद और सहायता प्राप्त हो सकें। जानकारी के अनुसार, अब झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क पॉलिसी को सहमति के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जा रहा है। उनकी स्वीकृति के साथ ही इस पर कैबिनेट की स्वीकृति भी ली जाएगी।

7 करोड़ से 40 करोड़ तक इंसेंटिव

झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क पॉलिसी में 10 एकड़ से 75 एकड़ तक के लिए अलग-अलग इंसेंटिव देने का प्रावधान किया गया है। मसलन 10 एकड़ के छोटे इंडस्ट्रियल पार्क डेवलप करनेवाले को सात करोड़ और 75 एकड़ के बड़े इंडस्ट्रियल पार्क डेवलप करनेवाले को 40 करोड़ रुपए तक इंसेंटिव दिए जाएंगे। इसी तरह 10 एकड़ से 75 एकड़ के बीच के पार्क को उसी अनुपात में इंसेंटिव दिए जाने का प्रस्ताव है।

हर उद्योग पर पडे़गा असर

झारखंड सरकार ने अपनी नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी है। इसमें टेक्सटाइल एंड अपारेल्स, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एग्रो फूड एंड मीट प्रॉसेसिंग, फार्मास्युटिकल व इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए सरकार ने अलग से इंसेंटिव भी तय किया है, जो 25 करोड़ रुपए तक है। अब सरकार का मानना है कि अगर एक तरह के उद्योग एक ही पार्क के अंदर हों, तो पूंजी निवेशकों को भी लाभ होगा। साथ ही उस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

पांच लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार

झारखंड की नयी उद्योग नीति झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इंवेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2021 लागू हो गयी है। सरकार की नयी नीति से पांच लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नयी उद्योग नीति में इस बात का उल्लेख है कि कोरोना काल में राज्य के प्रमुख उद्योगों खासकर निर्माण, खनन, पर्यटन, ऑटोमोबाइल, भारी उद्योग आदि और निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। नयी उद्योग नीति में इन उद्योगों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया है। साथ ही ग्रामीण उद्योग जिसमें सेरीकल्चर, हैंडलूम, हैंडिक्राफ्ट, खादी, टेक्सटाइल आदि के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा गया है। नयी उद्योग नीति में कहा गया है कि राज्य से निर्यात करनेवाले उद्योगों को आधुनिक तकनीक, स्किल अपग्रेडेशन व विभिन्नता के साथ बढ़ावा देना है।