रांची (ब्यूरो)। 11 का 16 सौ आओ 11 का 16 सौ शनिवार को रांची के जेएससीए स्टेडियम में कुछ युवक ऐसी ही आवाज लगा रहे थे। ये थे टिकट ब्लैक करनेवाले जो रांची में रविवार को होने वाले इंडिया-साउथ अफ्रीका मैच के टिकट की कालाबाजारी कर रहे थे। एक ओर टिकट की बिक्री जारी है। वहीं दूसरी ओर टिकट की ब्लैक मार्केटिंग भी खूब हो रही है। आलम यह है कि 1100 रुपए का टिकट 1600 रुपए में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। वीआईपी पवेलियन का टिकट 1500 में और दूसरे कम कीमत वाले टिकट भी अधिक दाम पर बेचे जा रहे हैं।

काउंटर के बाहर भी

हद तो तब हो गई जब टिकट काउंटर के बाहर ही बिचौलिया टिकट की कालाबाजारी करता दिख गया। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में ही यह काला धंधा चल रहा है। लेकिन पुलिस ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। नतीजन, बिचौलिये बेखौफ और खुलेआम टिकट की कालाबाजारी कर रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के टीम ने हिडेन कैमरा में बिचौलिये की सारी बातचीत रिकार्ड कर ली। अनजान चेहरा देखते ही बिचौलिया टिकट का ऑफर किया, न सिर्फ ऑफर किया बल्कि जितना टिकट चाहिए उतना देने का दावा भी कर दिया।

भैया मैनेजर हैं, 50 चाहिए 50 देंगे

बिचौलिया से जब पूछा गया कि टिकट कहां से लाते हो तो उसने बताया कि उसके भैया इसी स्टेडियम में मैनेजर हैं। जितना टिकट चाहिए मिल जाएगा। 50 चाहिए तो 50 भी मिल जाएगा। बस कीमत चुकानी होगी। टिकट ब्लैकर की बातों से यह साफ जाहिर होता है कि कालाबाजारी का खेल स्टेडियम के अंदर से ही खेला जा रहा है। स्टेडियम प्रबंधन की ओर से सुरक्षा के लाख दावे किए जाते हैं। लेकिन इस तरह की वारदात सुरक्षा और ईमानदारी के सारे पोल खोल रही है।

काउंटर से नहीं मिल रहा टिकट

टिकट की बिक्री के लिए स्टेडियम की बाईं ओर काउंटर बनाया गया है। लेकिन यहां से 1100 और 1400 रुपए वाले टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। पहले दिन से ही टिकट खत्म होने की बात कही जा रही है। कई लोगों से इस बात को लेकर कहा-सुनी भी हुई है। पहले ही दिन टिकट कैसे खत्म हो सकता है। दरअसल, यह पूरा खेल टिकट की ब्लैक मार्केटिंग के लिए ही खेला जा रहा है। कम दाम वाले वाले टिकट पहले ही हटा लिए गए, ताकि अंतिम दिन इसे आसानी से ऊंची कीमत पर बेचा जा सके। हुआ भी कुछ ऐसा ही, अंतिम दिन यानी शनिवार को टिकट लेने काफी लोग पहुंचे। मौका देखते हुए बिचौलियाों ने टिकट की कालाबाजारी शुरू कर दी।

300 रुपए कमिशन पर महिला

लाइन में टिकट की ब्लैक मार्केटिंग किस-किस तरीके से हो रही इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। बिचौलियाों ने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है। इस बार कांउटर से एक व्यक्ति को सिर्फ तीन ही टिकट देने का नियम बनाया गया था। टिकट लेने के लिए आधार कार्ड भी अनिवार्य किया गया था, जिसे देखते हुए बिचौलियाों ने महिलाओं को सेट किया। महिलाओं को एक टिकट के बदले 200-300 रुपए कमिशन देकर लाइन में लगा दिया गया। ऐसी महिलाएं जिन्हें क्रिकेट से कोई मतलब ही नहीं। 50 से 60 साल की बुजुर्ग औरतें भी लाइन में लगी थीं। टिकट खरीद कर ये लोग बिचौलिया को दे दीं, जिसे अब बिचौलिया ऊंची कीमत पर बेच रहा है।

रिपोर्टर और बिचौलिया के बीच सीधी बातचीत

बिचौलिया : कितना वाला टिकट लेना है?

रिपोर्टर : कौन-कौन से टिकट हैं आपके पास?

बिचौलिया : 1100 वाला और वीआईपी पवेलियन वाला।

रिपोर्टर : कितना में दीजिएगा?

बिचौलिया : 1100 वाला 1600 में और वीआईपी पवेलियन वाला 1500 में।

रिपोर्टर : कितना टिकट है आपके पास

बिचौलिया : जितना चाहिए उतना देंगे, सिर्फ वीआईपी पवेलियन वाला दो ही बचा है।

रिपोर्टर : कैसे लिया आपने टिकट, क्या लाइन में लग कर?

बिचौलिया : लाइन लगने से नहीं मिलता है, भैया मैनेजर है। जितना टिकट चाहिए, मिल जाता है।