RANCHI : हेल्थ डिपार्टमेंट और स्टेट सर्विलांस सेंटर की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद रिम्स समेत कई बड़े अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तो बनाए गए हैं, पर यहां व्यवस्था माकूल नहीं है। रिम्स में स्वाइन फ्लू के सस्पेक्टेड पेशेंट्स के लिए दो कमरे में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। अगर पेशेंट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो जाती है तो उसके लिए अलग से पैक्ड रूम है, लेकिन यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। इस वजह से गंभीर पेशेंट को यहां शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।

स्वाइन फ्लू के टेस्ट की व्यवस्था नहीं

स्वाइन फ्लू की जांच की व्यवस्था रांची के किसी भी अस्पताल में नहीं है। अगर कोई स्वाइन फ्लू का कोई मामला आता है तो सस्पेक्टेड पेशेंट के ब्लड सैंपल को टेस्ट के लिए झारखंड से बाहर भेजा जाता है। टेस्ट का रिपोर्ट आने के बाद ही पेशेंट का ट्रीटमेंट शुरू होता है। ऐसे में पेशेंट में यह रोग और गंभीर बन जाता है।

जांच में देरी से 70 परसेंट मौत

स्वाइन फ्लू के मामले में जो बातें सामने आई हैउसके मुताबिक, 70 परसेंट मौत जांच में देरी होने से हो जाती है। जहां तक रांची की बात है, स्वाइन फ्लू के टेस्ट की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। स्वाइन फ्लू के सस्पेक्टेड पेशेंट के ब्लड सैंपल को टेस्ट के लिए बाहर भेजा जाता है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में वक्त लग जाता है, जिस कारण बीमारी और गंभीर हो जाती है और इलाज करना आसान नहीं होता है। गौरतलब है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पेशेंट को दवा दी जाती है।

अस्पतालों में क्या है व्यवस्था

रिम्स में : पिछले एक महीने में यहां स्वाइन फ्लू के चार सस्पेक्टेड पेशेंट इलाज के लिए आ चुके हैं। हालांकि, किसी भी पेशेंट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई।

- इमरजेंसी वार्ड

-सस्पेक्टेड पेशेंट्स के लिए मास्क

-आइसोलेशन वार्ड में पांच बेड

- इलाज के लिए फ्लूवीर मेडिसीन

-ब्लड को टेस्ट के लिए बाहर भेजने की व्यवस्था

-डॉक्टर्स के लिए स्पेशल किट

सदर अस्पताल: स्वाइन फ्लू से निपटने की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जगह कम होने की वजह से डोरंडा अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के साथ मेडिसीन भी अवेलेबल है।

स्वाइन फ्लू को लेकर जारी है अलर्ट

हेल्थ डिपार्टमेंट ने स्वाइन फ्लू के मद्देनजर पूरे स्टेट में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी सिविल सर्जन को कहा गया है कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर मेडिकल टीम के तैनात रहने की व्यवस्था करे, ताकि स्वाइन फ्लू से प्रभावित राज्यों से आनेवाले लोगों पर नजर रखा जा सके। हालांकि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट सहित पब्लिक प्लेसेज में स्वाइन फ्लू को लेकर व्यवस्था में कोताही बरती जा रही है।