रांची (ब्यूरो) । मंगलवार को एनएसएस यूनिट, अंग्रेजी स्नातकोत्तर विभाग, रांची विश्वविद्यालय ने मॉसकॉम सभागार में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान तथा तंबाकू नियंत्रण विषय पर एनटीसीपी एवं एनएचएम, डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, झारखंड के साथ मिल कर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला में कुलपति, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि नशामुक्ति खासकर युवाओं में बहुत ही आवश्यक है। किन्हीं कमजोर क्षणों में निराशा में बहकर वे नशे की ओर आकृष्ट हो जाते हैं और बाद में यह आदत बन जाती है। हमें युवाओं को इस ओर जाने से रोकना ही होगा। उन्होंने इस तरह के कार्यशाला आयोजन की प्रशंसा की।

प्रभावी तरीके से बताया

रिम्स की डॉ अर्पिता रॉय ने प्रोजेक्टर पर स्लाइड शो के माध्यम से तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों को प्रभावी तरीके से बताया। रांची विश्वविद्यालय के डीएसडबल्यू डॉ। सुदेश कुमार साहु ने कहा कि हमारे युवा ही देश के भविष्य निर्माता हैं। उनका तंबाकू जैसे किसी नशे का शिकार होना, देश समाज के निर्माण में बाधा है। डॉ जीएस झा ने बताया कि कम उम्र में सिगरेट जैसा नशा युवाओं में पहले उत्सुकता जगाता है और बाद में वह इसके आदी बन जाते हैं। इसलिये इसी वक्त में सबसे ज्यादा सावधानी और समझदारी की आवश्यकता होती है। रा'य के एनएसएस कॉर्डिनेटर डॉ। ब्रजेश कुमार ने कहा कि तंबाकू और नशे की आदत से युवाओं को दूर रखने के लिये हर तरह के प्रयासों के साथ ही जनभागीदारी भी आवश्यक है.इसे फैशन न समझें.आरयू पीजी अंग्रेजी विभाग के हेड डॉ विष्णु चरण महतो ने कहा कि कॉलेज और छात्र जीवन में तंबाकू सहित कई प्रकार के नशे के की और भटकाव का भय रहता है, पर युवा यहां अपने विवेक का उपयोग कर, इससे बिल्कुल दूर रहें।

दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला

पीजी अंग्रेजी विभाग की एनएसएस कॉर्डिनेटर तथा वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ पूनम निगम सहाय ने भी तंबाकू तथा नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और छात्रों को इससे दूर रहने की सलाह दी। मास कॉम के निदेशक प्रो। डॉ बीपी सिन्हा ने कहा कि तनाव के क्षणों में भी युवा आत्मसंयम रखें और नशा करने के लिये किसी बहाने से बचें।

डॉ सीके शाही निदेशक स्वास्थ्य सेवा झारखंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडे प्रस्तुत करते हुये बताया कि तंबाकू से प्रीमै'योर मौतें भी हो रहीं हैं। डॉ प्रदीप कुमार, निदेशक, एनसीडी ने बताया कि तंबाकू की लत से कैसे हमारे युवा अपनी कार्य क्षमता को कमजोर कर रहे हैं। डॉ राजीव सिंह, स्टेट कंसल्टेंट, एनसीडी ने बताया कि तंबाकू के नशे को जितनी जल्दी छोड़ें, उतना ही अ'छा है.इसका स्वास्थ्य और समाज पर हर ओर दुष्प्रभाव है।