रांची : झारखंड में शनिवार को पहले चरण के मतदान में नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र का जश्न मना। जोश और उत्साह के बीच पहले चरण की 13 सीटों पर लगभग 64.44 परसेंट वोट पड़े। यह पिछले विधानसभा चुनाव से 1.15 परसेंट अधिक है। इन इलाकों में सुबह से ही लोग घरों से निकलकर मतदान केंद्रों की ओर जाते दिखाई दिए और भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बूथों पर भी लंबी कतारें देखी गईं। यह सिलसिला शाम तक जारी रहा। सुबह से ही मतदाताओं में लोकतंत्र के पर्व का उमंग दिखा। पुरुषों से अधिक महिलाएं कतार में दिखीं। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओ के अलावा बड़ी संख्या में 18 से 19 वर्ष के मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

पुलिस प्रशासन चुस्त

इधर, निर्वाचन आयोग और पुलिस प्रशासन की चुस्ती और ठोस तैयारी के कारण नक्सलियों का कोई मंसूबा पूरा नहीं हुआ। हालांकि नक्सलियों ने सुबह में ही गुमला के घाघरा स्थित कठठोकवा पुल को उड़ाने के प्रयास में कुछ दूरी पर आईडी विस्फोट किया। हालांकि विस्फोट में किसी तरह की जान-माल की क्षति नहीं हुई। पुल को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

केएन त्रिपाठी मामले में रिपोर्ट तलब

इस बीच डालटनगंज में कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने एक मतदान केंद्र पर भाजपा के प्रत्याशी आलोक चौरसिया के समर्थकों पर पिस्तौल लहराई। निर्वाचन आयोग के समक्ष यह मामला आने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने निर्वाची पदाधिकारी और एसपी से अविलंब रिपोर्ट तलब की। उनके निर्देश पर पुलिस ने त्रिपाठी से पिस्तौल जब्त कर उनसे पूछताछ की। इस मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। घटना के संबंध में पूछे जाने पर त्रिपाठी ने कहा कि उनपर हमला हुआ था। इसलिए आत्मरक्षा में यह कदम उठाया। एक अन्य बड़ी घटना में हुसैनाबाद में आजसू प्रत्याशी ने एक मतदान केंद्र पर हंगामा किया।

189 कैंडिडेट्स की किस्मत ईवीएम में कैद

पहले चरण की 13 सीटों पर मतदान सम्पन्न होने के बाद कुल 189 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया। इनमे 15 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। इन सीटों पर मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दूबे, केएन त्रिपाठी, भानुप्रताप शाही, कमलेश सिंह समेत कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है।