रांची(ब्यूरो)।आंतकवादियों, उग्रवादियों व नक्सलियों से दो-दो हाथ करने वाले एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड(एटीएस) अब एक्टिव गैंगस्टर्स का भी खात्मा करेगी। एटीएस को और ज्यादा बेहतर एवं सशक्त करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में गृह पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, इस पर सरकार की सहमती भी मिल गई है। कैबिनेट से हरी झंडी मिलते ही एटीएस राज्य भर के कुख्यात गिरोह के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देगी। एटीएस को अब तक आतंकी गतिविधियों में सूचना जुटाने, अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी। लेकिन अब संगीन अपराध के खिलाफ स्क्वॉयड काम करेगी।

एटीएस थाने में दर्ज करेगा मामला

मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, एटीएस राज्य भर में कहीं भी संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके बेेहतर इस्तेमाल के लिए बीते कई महीनों से मुख्यालय योजना बना रहा है। अलग-अलग जिलों से एटीएस स्वयं अपने थाने में एफआईआर दर्ज कर सकती है। एटीएस का काम टेरेरिस्ट एक्टिविटी पर नजर रखना, स्लीपर सेल से जुडे सिक्रेट इनफॉर्मेशन जुटाना और कार्रवाई करना होता है। लेकिन संगठित गिरोह की बढ़ती गतिविधियां एक जिले से दूसरे जिले में गिरोह के बढ़ते नेटवर्क को रोकने के लिए एटीएस की जिम्मेवारियां बढ़ाई जा रही हैं, जिम्मेवारी मिलने के बाद एटीएस कहीं भी छापेमारी या अभियान चला सकती है। अब एटीएस की ओर से की गई कार्रवाई में दूसरे थानों में मामला दर्ज कराने के बजाय अपने थाने में ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। अवैध हथियारों की तस्करी करने और कराने वालों पर भी स्क्वॉयड नजर रखेगी।

पुलिस के लिए बने सिरदर्द

राजधानी रांची समेत राज्य भर में अलग-अलग आपराधिक संगठन पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। आए दिन किसी न किसी इलाके से आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया रहा है। रंगदारी, लेवी, आम्र्स सप्लाई से लेकर अन्य अवैध कारोबार में आपराधिक गिरोह एक्टिव हैं। गैंगस्टर अमन साव, सुजीत सिन्हा, अमन श्रीवास्तव समेत अन्य कुख्यात अपराधी अपना नेटवर्क तगड़ा करते जा रहे हैं। येसंगठित गिरोह पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद बेखौफ होकर अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ये गिरोह कोयला कारोबारियों के लिए आतंक का पर्याय बने हुए हैं। हाल के दिनों में जेल से भी सुजीत सिन्हा और अमन साव का गिरोह काफी सक्रिय रहा है। दोनों अपराधियों के गिरोह की कोयला खनन वाले जिलों में काफी सक्रियता है।

एटीएस में बढ़ाए जाएंगे मैनपॉवर

एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड यानी एटीएस का गठन 2015 में किया गया था। इस दस्ते का गठन स्लीपर सेल से जुड़े आंतकियों के खिलाफ सूचना एकत्र करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए किया गया था। नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों के अनुसंधान में भी एटीएस को लगाया जा चुका है। एटीएस द्वारा झारखंड में भी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। एटीएस को कई सफलता भी हाथ लगी है। अब तक एटीएस के पास अपराधियों के खिलाफ छापेमारी और कार्रवाई करने का अधिकार नहीं था। लेकिन, अब इस टीम को और ज्यादा सशक्त करते हुए जिम्मेवारियां बढ़ाई जा रही हैं। इसके साथ ही एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड में मैनपॉवर और दूसरे संसाधन बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है।