रांची(ब्यूरो)। गोवा में आयोजित 12वीं हॉकी इंडिया राष्ट्रीय सब जूनियर पुरुष हॉकी चैंपियनशिप 2022 में हॉकी झारखंड की टीम उपविजेता बनी है। फाइनल मैच में झारखंड टीम गोल करने में असफल रही और हॉकी उत्तर प्रदेश की टीम झारखंड के ऊपर तीन गोल करके प्रतियोगिता की चैंपियन बन गई। बता दें कि झारखंड टीम पिछले 3 वर्षों से लगातार पदक जीत रही है। 2020 में कांस्य, 2021 में स्वर्ण और इस बार रजत पदक हासिल हुआ है। झारखंड टीम के उपविजेता बनने पर हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह, शशिकांत प्रसाद, विजय शंकर, रजनीश कुमार, मनोज कोनबेगी, माइकल लाल, सुरजीत झा, विजय सनातन, दसरथ महतो सहित हॉकी झारखंड के समस्त पदाधिकारियों ने बधाई दी है।

ये है झारखंड टीम

झारखंड टीम अनमोल टेटे, असीम एक्का, रोहित तिर्की, अमृत तिर्की, अमित बा, घूरन लोहरा, अमन तिग्गा, रोहित प्रधान, अभिषेक तिग्गा, एडिशन मिंज, अमित सोरेंग, कुलदीप बारला, विजय भोय, विशाल लकड़ा, रोशन भेंगरा, अभिषेक तिर्की, अभिषेक कुजुर, राकेश बड़ा और टीम के कोच अनु राहुल मिंज और मैनेजर मनीष कुमार हैं।

टीम के प्रदर्शन में सुधार

सब जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में झारखंड के खिलाडिय़ों ने काफी शानदार प्रदर्शन किया है और सारी सुविधाओं से लैस उड़ीसा टीम को सेमीफाइनल में पराजित किया है। जबकि क्वार्टर फाइनल में चंडीगढ़ को हराया। उपविजेता बनी झारखंड टीम के सभी खिलाड़ी सिमडेगा, खूंटी जिला के रहने वाले हैं जो टाटा सहित अन्य जगहों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, परंतु खूंटी और सिमडेगा में चल रहे आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में कोई पुरुष कोच नहीं है। महिला कोच के प्रभार में चल रहा है यदि इन दोनों प्रशिक्षण केंद्रों में अच्छे पुरुष प्रशिक्षक रहें तो टीम और भी बेहतर करेगी।

सीनियर टीम की भी रैंकिंग सुधरी

पिछले तीन-चार वर्षो पहले झारखंड पुरुष हॉकी टीम की स्थिति काफी कमजोर थी, लेकिन लगातार मेहनत करते रहने के कारण पुरुष टीम में भी काफी सुधार आया और अब हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हुए पदक जीत रहे हैं। सब जूनियर के खिलाड़ी विगत 3 वर्षों से लगातार पदक जीतकर पूरे भारतवर्ष में अपना दम दिखा रहे हैं इस वर्ष सीनियर वर्ग के भी पुरुष टीम के खिलाड़ी भले ही पदक प्राप्त नहीं किए हैं लेकिन वर्षों बाद प्रतियोगिता की रैंकिंग में 5वां स्थान प्राप्त किए हैं जो पुरुष टीम के खेल के बढ़ते स्तर को दर्शाता है। झारखंड के च्यादातर खिलाड़ी आर्मी बॉयज सहित देश के अन्य भागों में चल रहे विभिन्न एकेडमी में चले जाते हैं और वे उधर से ही खेलते हैं। झारखंड के खेल सेंटरों में अच्छे प्रशिक्षक हों तो यहां के खिलाड़ी पलायन नहीं करेंगे यहां रोजगार के अवसर होंगे तो निश्चित रूप से झारखंड की टीम सभी स्तरों में चैंपियन बनेगी।