रांची (ब्यूरो) । डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में झारखंड स्थापना दिवस सह भगवान बिरसा मुंडा की जंयती पर झारखंड छात्र जदयू ने यूनिवर्सिटी के गार्ड्स और सफाईकर्मियों के साथ भगवान बिरसा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
25 की उम्र में बिरसा धरती पर आए। उलगुलान कर शहीद हो गए। अपना काम कर दिया। उनकी शहादत ने सीएनटी जैसे आदिवासी हितों की रक्षा बनकर सामने आया। पर 23 साल के झारखंड ने राज्य गठन के बाद इस राज्य के युवाओं को रोजगार देने के बजाए 14 सरकारें, 6 मुख्यमंत्री और 3 राष्ट्रपति शासन दिया है।
काम करने की जरूरत
खनिज हमारा, खजाना तुम्हारा, नहीं चलेगा, नहीं चलेगा कह कर आंदोलनकारी शहीद हो गए, पर यह राज्य अब भी अपनी झारखण्डी स्मिता की तलाश में है। प्राइवेट संस्थानों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवकों की नौकरी को सुनिश्चित कर मौजूदा सरकार ने बिरसा के सपनों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लेकिन और काम करने की जरूरत है।
झारखण्ड छात्र जदयू के प्रभारी डॉ विनय भरत ने उक्त बातें डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय परिसर में स्थापना दिवस के मौके पर छात्र जदयू गोष्ठी को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
छलने का काम किया
मौके पर मौजूद छात्र जदयू अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा, आबुआ दिशुम आबुआ राज में पिछली सरकारों ने छलने का काम किया। अब रोजगार मिल रहे पर युवाओं की प्यास बड़ी है। और रोजगार चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष कर्मा कुमार ने कहा कि भगवान बिरसा का 25 वर्षीय जीवन अनुकरणीय है। छात्र उनको बांचेंगे तो बचेंगे।
इस मौके पर सखुआ के एक पौधा जिसे मौजूद छात्रों ने बिरसा नाम दिया था पौधरोपण किया।
मौके पर डॉ विनय भरत, रंजन कुमार, कर्मा कुमार, अभिषेक महतो, आदर्श, निखिल, कशिश, तनवी बरदियार, अमन साहू, प्रिया, दीपशिखा बारला, मनीष, अनीश, अमित, सत्येंद्र सहित विश्वविद्यालय के सभी गार्ड्स और सफाईकर्मी तथा अन्य मौजूद थे।