रांची : राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर लगातार तैयारियां कर रही है। संभावित तीसरी लहर का स्वरूप कैसा होगा और उसके लिए क्या तैयारियां होनी चाहिए, इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य तथा राज्य के बाहर के चिकित्सकों से सलाह मशविरा किया है। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि जिस तरह से कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है, उससे तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है।

तैयारियों में जुटी

विशेषज्ञों की राय पर राज्य सरकार अलर्ट है और तथा उससे निपटने की तैयारियों में जुटी है। बच्चों को इससे बचाने पर विशेष फोकस है। जागरूकता फैलाने से लेकर चिकित्सा संबंधी तैयारियों पर काम हो रहा है। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर आवश्यक तैयारियों के आकलन के लिए गठित इंपावर्ड कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, संभव है कि कोरोना से संक्रमित अधिसंख्य बच्चों में कोई लक्षण नजर नहीं आए। उनमें हल्के लक्षण भी हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ, थकान, बदन दर्द, नाक बहना, गले में खराश, दस्त, स्वाद या गंध का ना आना आदि शामिल है।

बच्चों को संक्रमण से बचाने को यह उपाय करने का सुझाव :

- बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनके दूध में शहद मिलाकर दें।

- बच्चों की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दें।

- पानी में नीम के पत्ते को उबाल कर बच्चे को नहलाएं।

- बच्चे को सौंफ का पानी पिलाएं। इससे पेट में ठंडक रहेगी।

- घर पर यदि कोई बीमार है, तो उनसे उन्हें अलग रखें।

- बच्चों को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें।

- किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

- बच्चों को मास्क न पहनाएं, उससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।

ऐसा हो बच्चों का खानपान :

- थोड़े-थोड़े समय पर कुछ न कुछ खाने को दें।

- आलू को उबाल कर खिलाएं।

- फल का जूस बच्चे को दें।

- बच्चे को फल-सब्जियां, अंडा, दाल, चिकन और साबुत अनाज खिलाएं।

- अधिक से अधिक पानी पिलाएं।

- नारियल पानी का सेवन कराएं।

- सुबह के नाश्ते में प्रोटीन और फाइबर जरूर दें।

- शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा रखने के लिए आंवला, नींबू, संतरा, टमाटर, अमरूद, ब्रोकली का सेवन कराएं।

- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ¨जक की महत्वपूर्ण भूमिका है, उसके लिए चना, मसूर का सेवन कराएं।

- सुबह-शाम दूध में हल्दी मिला कर दें।