-राज्यकर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ा, लेकिन कोई एरियर नहीं मिलेगा, इसी माह से लागू

-ड्राइ¨वग लाइसेंस से लेकर परमिट लेना तक महंगा, स्टांप सरचार्ज भी बढ़ा

-कैबिनेट ने आठ वर्षों के बाद परिवहन सेवा शुल्कों में की डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी

- सरकारी विद्यालय के वर्ग-9 एवं 10 के सभी छात्रों को मुफ्त किताब मिलेगी

19 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई झारखंड कैबिनेट की मीटिंग में

रांची : झारखंड सरकार ने बढ़ती महंगाई पर मरहम लगाते हुए राज्यकर्मियों को 1 जनवरी 2016 से प्रभावी पुनरीक्षित वेतनमान (सातवें केंद्रीय वेतनमान) में 1 जुलाई, 2021 के प्रभाव से महंगाई भत्ता दरों में 11 प्रतिशत की वृद्धि को स्वीकृति दी है। मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। इससे राज्य सरकार पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर पड़ेगा। खर्च और बढ़ता अगर राज्य सरकार ने एरियर देने का निर्णय लिया होता, लेकिन कैबिनेट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। महंगाई भत्ते का लाभ राज्य सरकार के तमाम पेंशन धारियों और पारिवारिक पेंशन के लाभुकों को भी मिलेगा। ज्ञात हो कि पूर्व में मिल रहे महंगाई भत्ते को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है। मंगलवार को कुल 19 प्रस्तावों को राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

सेवा शुल्क में बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने परिवहन सेवा शुल्क के तौर पर विभिन्न कार्यों के लिए वसूल की जानेवाली राशि को बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव से सरकार के खजाने में दो सौ करोड़ से अधिक राशि आएगी, हालांकि आम लोगों की जेब जरूर कटेगी। आठ वर्षों के बाद सेवा शुल्क में बढ़ोतरी की गई है और कुछ मामलों में यह पहले से दोगुना से भी अधिक है। इस प्रकार ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने से लेकर वाहनों के लिए परमिट लेने तक में आम लोगों को पहले से कहीं अधिक राशि खर्च करनी पड़ सकती है।

स्टांप सरचार्ज ड्यूटी में बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने इसके साथ ही स्टांप सरचार्ज ड्यूटी में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। विभिन्न प्रकार के स्टांप ड्यूटी बढ़ने से सरकार के खाते में 200 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि इसके साथ ही राज्य सरकार ने विभिन्न विलेखों के लिए पूर्व में निर्धारित 110 प्रतिशत अतिरिक्त मुद्रांक शुल्क की वसूली को बंद करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था में बांड पेपर के लिए न्यूनतम सौ रुपये से दो सौ रुपये तक का भुगतान करना होगा। राज्य कैबिनेट ने झारखंड में सरकारी विद्यालय के वर्ग-9 एवं 10 में नामांकित एवं अध्ययनरत सभी कोटि के छात्रों को प्रतिवर्ष निश्शुल्क पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह घोषणा बजट सत्र में की गई थी जिसे अब जाकर लागू किया गया है।

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कैबिनेट की अन्य फैसले :

- झारखंड पशुपालन सेवा के पशुचिकित्सा पदाधिकारियों/पशुचिकित्सकों (राजपत्रित) की विभागीय परीक्षा के संदर्भ में पशुचिकित्सा पदाधिकारियों/पशुचिकित्सकों (राजपत्रित) की विभागीय परीक्षा से संबंधित विषयों (लेखा, विकास, कंप्यूटर, हिंदी उच्च-स्तर एवं जनजातीय भाषा) के पाठ्क्रमों को झारखंड पशुपालन सेवा (भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्तें), नियमावली, 2013 में समाविष्ट किये जाने की स्वीकृति दी गई।

- आठ कारा कर्मियों को उच्च न्यायालय के आदेश पर नियमित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति।

- पूर्व से संचालित केंद्र प्रायोजित 'अंब्रेला समेकित बाल विकास सेवाएं योजनान्तर्गत केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों/उप-अवयवों को केंद्र सरकार के निर्णय के आलोक में दिनांक- 31 मार्च, 2022 तक अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।

- झारखंड राज्य विधि आयोग की कार्यावधि दिनांक 14.11.2019 से 13.11.2021 तक बढ़ी।

-झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा की जा रही ऊर्जा क्रय के विरुद्ध सब्सिडी की राशि विभागीय बजट से कोषागार के माध्यम से डीवीसी एवं एनटीपीसी को सीधे भुगतान करने की स्वीकृति दी गई।

-श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

- झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से बरलंगा-नेमरा-पिरगुल-कसमार (बहादुरपुर एनएच-23 पर)-कसमार-खैराचातर- पश्चिम बंगाल सीमा पथ पर) पथ (कुल लंबाई 27.608 किलोमीटर) को 2 लेन पेव्ड सोल्डर में चौड़ीकरण/मजबूतीकरण/पुनर्निर्माण कार्य के लिए रुपए 176 करोड़ 70 लाख 31 हजार मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

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