रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोरोना नियंत्रण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे नोडल पदाधिकारियों को संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए पहले से ही एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शनिवार को नामकुम स्थित आइपीएच सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि दूसरी लहर में जो खामियां रहीं तथा जिसके कारण परेशानी हुई, वैसी परेशानी तीसरी लहर में होने नहीं देना है। इसके लिए उन्होंने पहले से ही सारी तैयारियां करने के निर्देश दिए।

बनाएं टास्क फोर्स

स्वास्थ्य मंत्री ने खासकर सभी जगहों पर बच्चों के लिए कोविड बार्ड बनाने, शिशु रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति, बाल चिकित्सा टास्क फोर्स गठन करने के निर्देश दिए। साथ ही, बच्चों के लिए अलग से वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। बच्चों को इस संभावित लहर से बचाने के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों के साथ बैठक कर माइक्रो एक्शन प्लान बनाने के निर्देश विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के वार्ड में माताओं को भी रहने की व्यवस्था करनी होगी। मंत्री ने पोस्ट कोविड के मरीजों को भी आवश्यक परामर्श देने के लिए हेल्पलाइन की सुविधा बहाल करने के निर्देश दिए। साथ ही, ब्लैक फंगस की समस्या से निपटने पर भी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक में कोविड वार्ड में सेवा दे रहे चिकित्सकों एवं कर्मियों के कार्यों की सराहना की गई। बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला व सभी नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे।

निजी अस्पतालों व लैब की निगरानी

बैठक में मंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों तथा लैब में राज्य सरकार द्वारा तय शुल्क ही लिए जाएं। यदि कोई अस्पताल या लैब अधिक राशि लेता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने 50 से अधिक बेड वाले अस्पतालों में 45 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने को कहा।

जांच में झारखंड अव्वल

बैठक में बताया गया कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 45 हजार लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच हो रही है तथा झारखंड देश में प्रति सप्ताह सैंपल जांच में अव्वल है। यहां प्रति सप्ताह साढ़े तीन लाख सैंपल की जांच की जा रही है। आक्सीजन टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष सह उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में वर्तमान में प्रतिदिन 120 टन आक्सीजन की आवश्यकता है। झारखंड में यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा यहां से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बंगाल, बिहार, ओडिशा तथा उत्तराखंड को आपूर्ति की जा रही है। यहां प्रतिदिन लगभग 800 टन आक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। बेड प्रबंधन के प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि वर्तमान में 10,220 आक्सीजन सपोर्टेड, 800 एनआइवी तथा 633 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं।