>Ranchi : शुक्रवार को हाईकोर्ट ने रांची के डीसी विनय कुमार चौबे को नोटिस दिया है। नोटिस में हाईकोर्ट ने डीसी से पूछा है कि आखिर क्यों चुनाव के वक्त पंडरा स्थित कृषि बाजार समिति की दुकानों पर प्रशासन कब्जा करता है, उन्हें सील करता है। हाईकोर्ट ने कहा है कि इससे व्यवसायियों और दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उनको नुकसान भी होता है। झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश पीपी भट्ट की खंडपीठ ने रांची के डीसी विनय कुमार चौबे को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने रांची डीसी से पूछा है कि क्या इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है? समाहरणालय में ईवीएम क्यों नहीं रखी जा सकती? सील की गई दुकानों के लिए क्या सरकार कोई किराया देती है? हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

सीबीआई रखेगा लालू यादव की याचिका पर अपना पक्ष

चारा घोटाला में देवघर से अवैध निकासी के मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से दायर याचिका पर सीबीआई अपना पक्ष रखेगा। शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की ओर से दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति आरआर प्रसाद की बेंच में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। लालू प्रसाद की ओर से उनके एडवोकेट अपना पक्ष रख चुके हैं।

यह है लालू प्रसाद यादव का पक्ष

लालू प्रसाद यादव की याचिका में कहा गया है कि एक ही साक्ष्य के आधार पर सीबीआई ने उन पर एक से अधिक एफआईआर दर्ज की है। यह कानून के मुताबिक गलत है। यह निरस्त हो जाना चाहिए। गौरतलब है कि चाईबासा कोषागार से पशुपालन विभाग के खाते से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की निचली अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए पिछले साल सितंबर में सजा सुनाई थी। लालू प्रसाद यादव ने देवघर कोषागार से पशुपालन खाते से अवैध निकासी मामले से जुड़े केस को इस आधार पर निरस्त करने की मांग की है कि सीबीआई ने चाईबासा कोषागार मामले के साक्ष्य ही इस केस में भी पेश किए हैं। इस मामले में सीबीआई की निचली अदालत में ट्रायल चल रहा है। मामले की अगली सुनवाई क्9 सितंबर को होगी।

नीतीश-शिवानंद को आरोपी बनाने के मामले की सुनवाई क्9 को

इधर, शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को भी आरोपी बनाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। याचिका में कहा गया है कि पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी सीबीआई ने इनके खिलाफ जांच नहीं की। सीबीआई को जांच करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है। यह मामला न्यायमूर्ति आरआर प्रसाद की बेंच में था। प्रार्थी की ओर से समय मांगा गया, तो सुनवाई क्9 सितंबर को किए जाने का निर्देश दिया गया।