रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा। रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने अपर बाजार में अतिक्रमण हटाने और बाजार की सड़कों को जाम मुक्त करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते नगर निगम के खिलाफ सख्त टिप्पणी की। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यदि अपर बाजार में फायर ब्रिगेड वाहन नहीं पहुंच सकते तो बाजार को बंद कर दें। यह सुनिश्चित करना होगा कि अपर बाजार में फायर ब्रिगेड वाहन सुगमता से पहुंच सकें। यदि ऐसा नहीं हो सकता तो इतनी बड़ी आबादी को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। अदालत ने इस मामले में नगर निगम को विस्तृत रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में सेंटर फॉर आरटीआइ के पंकज यादव की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है।

बिना नक्शे का निर्माण

गुरुवार को सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि अपर बाजार में अतिक्रमण किया गया है। बिना नक्शे के भवन और व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण किया गया है। बेसमेंट में दुकानें चल रही हैं, जिसकी वजह से सड़क पर गाडि़यां खड़ी की जाती हैं। इस कारण पूरे अपर बाजार में जाम लगता है। सड़क पर दुकानें लगने और वाहन खड़े होने से सड़क इतनी संकरी हो गई है कि यहां फायर ब्रिगेड वाहन नहीं पहुंच सकते। आगजनी की कई घटना के दौरान इस क्षेत्र में फायर ब्रिगेड के वाहन नहीं पहुंच पाए। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है।

352 को नोटिस

नगर निगम की ओर से बताया गया कि अपर बाजार के 352 लोगों को नोटिस दिया गया है। अपर बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है। इस कारण बिना नक्शा के ही कई भवन बने हुए हैं। इसके अलावा शहर में अतिक्रमण करने वाले और सड़क पर कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए नगर निगम ने एक नंबर जारी किया है। इस नंबर पर जानकारी मिलने के बाद निगम कार्रवाई करता है। इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा कर रहे हैं तो अच्छा है, लेकिन इससे अदालत को खास मतलब नहीं है। अदालत ने नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा कि क्या अपर बाजार में किसी भी स्थान पर फायर ब्रिगेड के वाहन आसानी से पहुंच सकते हैं। अधिवक्ता में नहीं में जवाब दिया। इस पर अदालत ने कहा कि यदि फायर ब्रिगेड के वाहन नहीं पहुंच सकते तो बाजार भी नहीं रह सकता। अदालत ने निगम को अगली तिथि पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

याचिका को टैग करने का आदेश

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इससे पहले हरेराम लखोटिया की ओर से एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसमें आरआरडीए के अधिकारियों पर नियमों का उल्लंघन कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का नक्शा पास करने का आरोप लगाया गया था। हाई कोर्ट ने नक्शा विचलन की सीबीआइ जांच का आदेश भी दिया था। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका को भी इसी मामले के साथ सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।