>-स्टेट में दूध की किल्लत पर मंत्री मन्नान मलिक का जवाब

-कहा- दूध स्टोर करने के लिए जितने प्लांट्स होने चाहिए, उतने नहीं हैं यहां

RANCHI (15 June): पूरे झारखंड में आजकल दूध की किल्लत से लोग परेशान हैं। झारखंड में अकेले दूध का उत्पादन इतना नहीं होता है कि सभी के लिए उपलब्ध हो जाए। इसलिए, बिहार से दूध मंगाना पड़ता है। लेकिन, बिहार से दूध नहीं आ पा रहा है। साथ ही यहां पर दूध स्टोर करने के लिए जितने प्लांट्स होने चाहिए, उतने नहीं हैं। इसलिए समस्या है। यह कहना है झारखंड के पशुपालन एवं गव्य विकास मंत्री मन्नान मलिक का। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंत्री मन्नान मलिक ने जनता दरबार लगाया था। इसमें दूध की किल्लत को लेकर भी लोग पहुंचे थे। लोगों ने मंत्री से जानना चाहा कि आखिर उन्हें दूध क्यों नहीं मिल रहा है, इस समस्या के हल के लिए गवर्नमेंट क्या कर रही है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि दो दिनों के अंदर दूध की समस्या की दूर कर ली जाएगी।

स्टोरेज के लिए सफिसिएंट प्लांट नहीं

जब मंत्री से पूछा गया कि दूध की समस्या कैसे दूर कर ली जाएगी, तो उन्होंने कहा कि झारखंड में अभी दूध की समस्या को पूरी तरह खत्म करना गवर्नमेंट के लिए मुश्किल है, क्योंकि गवर्नमेंट के पास इसके लिए कोई अल्टरनेटिव अरेंजमेंट नहीं है। झारखंड में दूध को स्टोर करने के लिए सफिसिएंट प्लांट नहीं है। पिछली गवर्नमेंट्स ने इसके लिए कोई काम ही नहीं किया है। इस बार हम प्रयास कर रहे हैं कि यहां पर प्लांट लगाए जाएं, जहां दूध स्टोर किया जा सके।

डेयरी सिटी बनाने की जरूरत

मंत्री ने कहा- दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए झारखंड में डेयरी सिटी के कॉन्सेप्ट पर विचार किया जाए। मैंने इसके लिए प्रपोजल भेजा है। यह ऐसी जगह होगी, जहां दूध उत्पादक, उनके मेविशयों के रहने के लिए कॉलोनियां बसाई जाएंगी। यहां पर स्कूल, कॉलेज और पशु अस्तपाल होंगे। इससे दूध उत्पादकों का जीवन स्तर भी उठेगा। अभी जो खटाल हैं, वहां की स्थिति खराब है। अगर यह कॉन्सेप्ट आ गया, तो इसका दूरगामी परिणाम होगा।

बिहार से नहीं अा पा रही दूध की गाड़ी

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से रांची में दूध की किल्लत फिर से शुरू हो गई है। सुधा डेयरी के रांची के अधिकारियों ने बताया कि बिहार से दूध की गाड़ी रांची नहीं आ पा रही है। पटना के गांधी सेतु पुल और मोहनिया पुल खराब हैं, इसलिए गाड़ी भागलपुर-देवघर होते हुए आ रही है, इससे कभी-कभी जाम होता है और टाइम से दूध नहीं पहुंच पाता है। सुधा डेयरी, रांची के एमएन द्विवेदी ने बताया कि रांची में ट्रक नहीं पहुंचने से कभी दूध पहुंच पा रहा है और कभी नहीं। किसी दिन एक लीटर भी नहीं आता है, तो किसी दिन डेढ़ लाख लीटर तक दूध आ जाता है। रांची डेयरी के प्लांट में भी इन दिनों थोड़ी प्रॉब्लम है, इसलिए दूध की किल्लत हो रही है।

कुछ दिनों पहले सबकुछ नॉर्मल था

रांची में दूध की परेशानी मई महीने से ही हो रही है। सुबह में दूध आता था, तो शाम में दूध नहीं आ पाता था। सुधा डेयरी द्वारा स्थिति में सुधार किया गया था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से फिर से स्थिति खराब हो गई है।