रांची: यूपीएससी परीक्षा 2019 में रांची सहित झारखंड के स्टूडेंट्स का परचम लहराया है। मंगलवार को जारी रिजल्ट में हजारीबाग के दीपांकर राय को 42वां रैंक, हजारीबाग से ही डीएसपी कमल किशोर के बेटे प्रियांक किशोर को 61वां, रांची के खेलगांव सोसायटी में रहने वाले शैलेंद्र कुमार के छोटे भाई की पत्नी अनुपमा सिंह को 90वां रैंक हासिल हुआ है.वहीं, देश में प्रदीप सिंह ने टॉप किया है तो जतिन किशोर सेकेंड व प्रतिभा वर्मा थर्ड रही हैं। रिजल्ट की घोषणा के 15 दिन बाद परीक्षार्थियों के मा‌र्क्स जारी किए जाएंगे।

देवघर के रवि जैन ने टॉप-10 में बनाई जगह

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2019 का रिजल्ट घोषित कर दिया है। देवघर से ताल्लुक रखने वाले रवि जैन टॉप-10 में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की है। बता दें कि देवघर के रवि जैन को सिविल सेवा परीक्षा-2019 में 9वां रैंक मिला है।

अनुपमा को पहले प्रयास में 90वां रैंक

ऑल इंडिया में 90 रैंक लाने वाली अनुपमा सिंह ने पीएमसीएच पटना से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद बीएचयू से गाइनेकोलॉजिस्ट में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। पटना के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड साइंस आईजीएमएस में यह प्रैक्टिस करती थीं, वहां से रिजाइन करने के बाद 6 महीने तक दिल्ली में तैयारी की। यह इनका पहला प्रयास था और पहले ही प्रयास में इन्होंने इतनी बड़ी सफलता अर्जित की है। इनके पति डॉ रविंद्र कुमार भी पीडियाट्रिशियन है। भाई शैलेंद्र कुमार बिजनेसमैन हैं और इनका परिवार रांची के खेल गांव सोसाइटी में रहता है। रांची से ही आकांक्षा शिखा खलखो ने 467वां रैंक लाया है और गोड्डा से कुमार सत्यम ने 696वां रैंक हासिल किया।

23 वर्ष के प्रियांक किशोर को 61वां रैंक

हजारीबाग सदर एसडीपीओ कमल किशोर के पुत्र ने देशभर में यूपीएससी की परीक्षा में 61 वां रैंक प्राप्त किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले साल यूपीएससी की परीक्षा में 22 वर्ष की उम्र में ही प्रियांक किशोर ने 274वां स्थान हासिल कर आईपीएस रैंक प्राप्त किया था। लेकिन इस बार रैंक बढ़ाते हुए अपनी उम्र के 23 वर्ष में ही उन्होंने आईएएस रैंक पाया है। इन्होंने कभी भी किसी भी कोचिंग में पढ़ाई नहीं की है। पढ़ाई की जिद्द थी और लगातार अध्ययन करते रहने से ही इन्हें सफलता हासिल हुई। प्रियांक किशोर अपनी सफलता का मूल मंत्र अपने पिता को मानते हैं।

हजारीबाग के दीपांकर चौधरी को 42 वां रैंक

हजारीबाग निवासी दीपांकर चौधरी को 42 वां रैंक मिला। दीपांकर चौधरी संयुक्त सचिव स्तर पद से रिटायर्ड अधिकारी रंजन चौधरी के पुत्र हैं। पिछली बार इनका चयन आईपीएस में हुआ था और आईपीएस का प्रशिक्षण लेते हुए इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और पुन: यूपीएससी की परीक्षा में भाग लेकर आईएएस बनकर हजारीबाग जिले का नाम रौशन किया है।

गढ़वा के शिवेंदु को 83वां रैंक

गढ़वा (सहिजना) के निवासी शैलेन्द्र वर्मा के सुपुत्र शिवेंदु भूषण जी ने 83वां रैंक हासिल किया है। विगत वर्ष इसी परीक्षा में इन्होंने 120वां स्थान प्राप्त किया था।

829 उम्मीदवारों का हुआ चयन

कुल 829 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसमें 304 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी से, 78 ईडब्ल्यूएस, 251 ओबीसी, 129 एससी और 67 एसटी कैटेगरी से हैं। इस परीक्षा को देश की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है। देश के हर कोने में कोई ना कोई प्रतियोगिता को लेकर तैयारी करने वाले मिल ही जाते हैं। उम्मीदवार आइएएस-आइपीएस बनने के सपने देखते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है। पहली प्रारंभिक, दूसरी मुख्य परीक्षा और तीसरे, इंटरव्यू निकालना पड़ता है। इस प्रतियोगिता में मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर फाइनल मेरिट लिस्ट जारी होती है।

मेन्स में 2304 परीक्षार्थी हुए थे सफल

बता दें कि यूपीएससी मेन्स एग्जाम में 2304 परीक्षार्थी सफल हुए थे। इसके बाद 17 फरवरी को इंटरव्यू शुरू हुआ था, लेकिन लॉकडाउन में मार्च में इस इंटरव्यू को रोक दिया गया। इसके बाद 20 से 30 जुलाई के बीच इंटरव्यू लिए गए। इसके लिए आयोग ने उम्मीदवारों को इंटरव्यू में आने-जाने के लिए विमान के किराए का भुगतान करने का फैसला लिया था।