रांची: कोरोना की थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए झारखंड में तैयारी कर ली गई है। फ‌र्स्ट व सेकंड वेव में भयावह स्थिति को देखते हुए इस बार हेल्थ डिपार्टमेंट कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। बेड से लेकर हॉस्पिटल्स में वेंटीलेटर और ऑक्सीजन के पर्याप्त इंतजाम किए जा चुके हैं, जिसमें पीएम केयर फंड से काफी इक्विपमेंट्स और मशीनें झारखंड को उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही हर हॉस्पिटल में 8 लोगों की टीम तैयार की गई है, जो इमरजेंसी में आइसीयू का भी संचालन कर सकेंगे। मेडिकल कॉलेज से लेकर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी सरकारी अस्पतालों को इतना मजबूत कर दिया गया है कि मरीजों को इलाज के लिए रिम्स भेजने की जरूरत न पड़े।

प्लान बी और सी भी तैयार

तीसरी लहर में 7,17,484 बच्चों के चपेट में आने की संभावना है। इसके अनुसार हेल्थ डिपार्टमेंट ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो उसके हिसाब से भी प्लान विभाग ने तैयार कर रखा है। इसके अनुसार अगर इंफेक्शन रेट पांच परसेंट होता है तो इसके लिए 502 एचडीयू बेड और 1004 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ेगी। जबकि इंफेक्शन रेट 10 परसेंट होने पर 1004 एचडीयू बेड और 2009 आईसीयू बेड की जरूरत पूरे राज्य में पड़ेगी। इसके अलावा ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड भी रिजर्व हैं।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स हुए अपग्रेड

डिस्ट्रिक्टट हॉस्पिटल्स में फैसिलिटी दुरुस्त करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से सभी सदर हॉस्पिटल और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को अपग्रेड किया जा रहा है। सभी जिलों के सरकारी हॉस्पिटल्स को इसके लिए 1000 डिजिटल थर्मामीटर और 200 ऑक्सीमीटर उपलब्ध करा दिए गए हैं जिससे कि मरीजों के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा कोरोना के बाद भी हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

ऑक्सीजन की नहीं होगी क्राइसिस

जिलों के हॉस्पिटल्स के लिए भारत सरकार ने झारखंड को 4630 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आवंटित किए हैं। पीएम केयर फंड से आवंटित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में 1636 पांच लीटर प्रति मिनट क्षमता के हैं, जबकि 2994 दस लीटर प्रति मिनट की क्षमता के। सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराने के साथ ही इसके रखरखाव, निगरानी व उपयोग के लिए आइटी प्लेटफार्म दुरुस्त रखने की नसीहत भी दी है। साथ ही जिन जगहों पर लाइट की समस्या है वहां पर जनरेटर सेट भी लगाने को कहा है ताकि मशीन के संचालन में कोई समस्या न आए।

15 आरटी-पीसीआर लैब में टेस्टिंग

नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से 7 जिलों में आरटी-पीसीआर लैब का निर्माण कराया जा रहा है, एक लैब के लिए 2.5 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें कई लैब का काम अंतिम चरण में है और कुछ तैयार भी हो चुके है। जहां जल्द ही आरटी-पीसीआर टेस्ट शुरू कर दिया जाएगा। राज्य में कोरोना जांच के लिए पूर्व से 8 आरटी-पीसीआर लैब चल रहे हैं। इनमें रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद के अलावा दुमका, हजारीबाग, पलामू, साहिबगंज व टीबी सैनेटोरियम इटकी शामिल हैं। इसके बाद राज्य में 15 आरटी-पीसीआर लैब और हो जाएंगे।

टेस्टिंग को 5 मोबाइल वैन

हर दिन औसतन 50 हजार सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। नए मरीजों के मिलने की संख्या जहां लगातार कम हो रही है, वहीं टेस्ट के लिए पेंडिंग सैंपल की संख्या बढ़ती जा रही है। टेस्टिंग को रफ्तार देने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए पांच मोबाइल टेस्टिंग लैब शुरू किया गया है। वहीं 7 मोबाइल आरटी-पीसीआर टेस्टिंग लैब और शुरू करने की योजना है। पॉजिटिविटी रेट और पॉपुलेशन डेंसिटी के आधार पर रांची, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग और पलामू में जिला मुख्यालय के 25 किलोमीटर के दायरे में कोरोना सस्पेक्टेड के सैंपल कलेक्ट कर 24 घंटे में रिपोर्ट देगी।