रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची समेत राज्य भर में पढ़े-लिखे नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है। डाटा के मुताबिक नियोजनालयों में करीब आठ लाख युवाओं ने जॉब के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। लेकिन, इन्हें जॉब नसीब नहीं हो पा रही है। निराशा की ओर बढ़ रहे ये युवा सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक जॉब लेस रहें। लेकिन, इस सवाल का जवाब सरकार के पास नहीं है। ऐसे में बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

75 परसेंट आरक्षण का बुरा हाल

दरअसल, झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 को विधानसभा से पारित कराया था। सरकार का दावा था कि 40 हजार रुपए वेतनमान तक की 75 परसेंट सीटों पर स्थानीय का नियोजन होगा। इसके लिए नियमावली 2022 भी बनाई गई। सरकार ने 17 मार्च 2023 को झारनियोजन पोर्टल का उद्घाटन भी कर दिया, लेकिन इसका लाभ युवाओं को मिलता हुआ दिख नहीं रहा है। ऐसे में पढ़े-लिखे और नौकरी की आस लगाए बैठे युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन में कंपनियों की रुचि नहीं

निजी कंपनियों के नियोजन को लेकर आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अबतक सिर्फ 6800 नियोजकों ने ही निबंधन कराया है। जबकि सरकार ने स्पष्ट कर रखा है कि 75 प्रतिशत आरक्षण वाले नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर विभाग की ओर से अब 2,420 नियोजकों को नोटिस भी जारी हुआ है। इनमें से 134 नियोजक नियमों की अवहेलना करते हुए पाए गए हैं। इनसे बतौर जुर्माना 10.50 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं।

अनिवार्य है रजिस्ट्रेशन कराना

झारखंड सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत सीटें स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के आलोक में श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों को स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम, 2021 के प्रविधानों के तहत अपना निबंधन कराना अनिवार्य किया गया है। खासकर वैसे सभी कर्मियों का भी तीन माह के अंदर नामांकन कराना होगा, जिनका वेतन 40 हजार या इससे कम है। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने अधिनियम के इन प्रविधानों को सख्ती से लागू करने के निर्देश सभी जिला नियोजन पदाधिकारियों को दिए हैं। निजी कंपनियों को सूचित भी किया जा चुका है।

पोर्टल पर अपलोड नहीं डिटेल

इस प्रविधान के तहत नौकरी के अवसर सभी को मिलें। विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि कोई भी कंपनी (नियोक्ता) स्वयं निबंधन के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जिला नियोजन पदाधिकारी कार्यालय में जाकर कर सकती है, जिसके बाद तीन कार्य दिवसों के अंदर पोर्टल पर विवरण अपलोड किया जाएगा। नियोक्ता स्वयं आनलाइन भी यह कार्य कर सकेंगे। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी निजी क्षेत्र की कंपनी नई परियोजना की शुरुआत के पूर्व सूचित करेगी कि परियोजना के प्रारंभ के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत अधिकारी को उक्त अधिनियम के अधीन आनेवाले कर्मियों की संख्या का विवरण भेजा गया है कि नहीं। इसके साथ ही युवाओं के आवश्यक कौशल को स्पष्ट रूप से इंगित करना है। जिला नियोजन अधिकारी आवश्यक कौशल युक्त मानव बल की उपलब्धता का मूल्यांकन करेगा। यदि कर्मियों को प्रशिक्षण व कौशल विकास की आवश्यकता होगी तो इस कार्य को अनिवार्य रूप से कराया जाएगा।

सीएसआर फंड से होगा कौशल विकास

यह काम सीएसआर फंड या झारखंड कौशल विकास मिशन सोसायटी की सहायता से हो सकता है। यदि आवश्यक मानव बल की कमी है तो प्राधिकृत अधिकारी 30 दिनों के अंदर निर्धारित प्रपत्र में न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने हेतु अधिनियम के अनुपालन में प्रस्तावित कार्य योजना प्रस्तुत करेगा। स्थानीय लोगों के नियोजन में विस्थापित हुए लोगों के आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसी कंपनियों में नियुक्ति के लिए स्थानीय उम्मीदवारों को भी अपना निबंधन कराना होगा।