रांची: बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी देने की रूप रेखा तैयार हो चुकी है। राज्य सरकार ने सभी विभागों से वैकेंसी की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही प्राइवेट सेक्टर में भी अलग-अलग एजेंसी से वैकेंसी की डिटेल मांगी गई है। शहरी बेरोजगार युवक-युवतियों को दो अक्तूबर से काम दिलवाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत सात सितंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा। साथ ही श्रमिकों को जॉब कार्ड भी दिया जाएगा। 18 सितंबर तक जॉब अलॉट कराने की योजना बनाई गई है, ताकि आगामी दो अक्तूबर गांधी जयंति के दिन से इस योजना को पूरी तरह लागू किया जा सके। योजना के तहत सभी नगर निकायों में कम्प्यूटर ऑपरेटर व सामुदायिक संसाधन सेविका समेत अन्य पदों पर युवाओं का चयन कर लेना है। दस से 28 सितंबर तक सभी निकाय चयनित युवाओं को ट्रेनिंग संपन्न कराने को कहा गया है, जिससे दो अक्तूबर को कोई परेशानी न हो।

काम नहीं तो मिलेगा भत्ता

श्रमिक रोजगार योजना के तहत हर व्यक्ति को सौ दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है। जॉब नहीं मिलने पर राज्य सरकार की ओर से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। नगर विकास विभाग ने योजना के क्रियान्वयन का टाइम टेबल जारी करते हुए सभी उपायुक्त और नगर निकायों के पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि श्रमिक योजना का उद्देश्य शहरी श्रमिकों को अपने शहर में सम्मान के साथ 100 दिनों का गारंटीयुक्त रोजगार देना है। दो अक्तूबर से इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाना है जिसे देखते हुए सभी पदाधिकारियों को इससे संबंधित दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

जेएमएम के मेनिफेस्टो में रोजगार का था वादा

राज्य में रोजगार के लिए सभी जिलों के इम्प्लॉयमेंट एक्स्चेंज को एक्टिव होने का आदेश दिया गया है। मुख्य सचिव ने बेरोजगार युवाओं के रजिस्ट्रेशन के लिए कैंप लगाने का भी निर्देश दिया है। इसकी मॉनिटरिंग करने का दायित्व श्रम नियोजन को सौंपा गया है। गौरतलब हो कि विधानसभा चुनाव में जेएमएम के मेनिफेस्टो में रोजगार को सबसे प्रमुख मुद्दा बताते हुए शामिल किया गया था। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया था। वहीं कोरोना की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर सभी प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाया गया। उन्हें भी नौकरी देने का आश्वासन राज्य सरकार की ओर से दिया गया था। अपनी घोषणा को पूरा करने की दिशा में सरकार का यह पहला कदम होगा।