- रांची में एक लाख रुपए तक बैंक से कर्ज लेने वाले सबसे ज्यादा

- अन्य शहरों की तुलना में रांची के लोगों ने सबसे ज्यादा लिया कर्ज

- कोरोना काल में सेविंग्स ही आई काम, पर्सनल लोन से हुआ बेड़ा पार

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7.5 लाख लोगों ने राज्यभर में बैंक से लिया कर्ज

1 लाख रुपए से कम का लोन लिया है ज्यादातर लोगों ने

22 परसेंट लोग बेरोजगार हो गए राज्य के विभिन्न शहरों में

कोरोना काल में बहुत सारे लोगों की नौकरियां चली गईं। कई छोटे व्यवसायियों का काम बंद हो गया। लोग बेरोजगार हो गए। इस दौरान कई लोगों के परिजन अस्पताल में भर्ती हुए और पैसे नहीं रहने के कारण लोगों ने बैंक से लोन लिया। राज्य में साढे़ सात लाख लोगों ने बैंक से कर्ज लिया है, इसमें अधिकतर लोगों ने एक लाख रुपए से कम का लोन लिया है। लोगों ने बच्चों की स्कूल फीस देने और अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोन लिया है।

घर खर्च के लिए भी लोन

कोरोना काल में जब लोग बेरोजगार हो गए तो सभी ने बैंकों की ओर रूख किया। बच्चों की फीस देने से लेकर उनके इलाज कराने और घर चलाने के लिए भी लोगों ने लोन लिया है। बैंक की ओर से लोगों को मदद करने के लिए लोन देने का निर्देश सरकार ने दिया है। सरकार के आदेश के बाद अधिकतर लोगों ने अपनी घर गृहस्थी चलाने के लिए लोन लिया। बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को उनका व्यवसाय बढ़ाने के लिए लोने देने का आदेश सरकार ने दिया, लेकिन लोग अपना व्यवसाय चलाने के लिए नहीं बल्कि अपना घर चलाने के लिए लोन लिये हैं। यह इससे समझा जाता है कि अधिकतर लोन का अमाउंट एक लाख रुपए से कम है।

पर्सनल लोन ज्यादा

अधिकतर लोगों ने कोरोना में पर्सनल लोन लेकर अपना काम चलाया है। सरकार के डाटा के अनुसार, करीब साढे़ सात लाख लोगों ने अलग-अलग बैंकों से लोन लिया है, इसमें सबसे अधिक लोगों ने पर्सनल लोन लेकर अपना काम चलाया है।

बड़ा लोन लेना नही चाहते हैं

सरकार ने लिक्विड मनी बढ़ाने के लिए सभी बैंकों से व्यवसायियों को लोन देने का निर्देश दिया है। लेकिन रांची सहित राज्य भर के व्यवसायी बैंक से बड़ा लोन लेने से कतरा रहे हैं। व्यवसायियों का कहना है कि हमलोगों का व्यवसाय पहले से ही कम चल रहा है। बैंक से लोन लेते हैं तो उसका इंट्रेस्ट और बढ़ता जाएगा। बैंकों ने लोन लेने के लिए ऑफर तो दिया है, लेकिन ईएमआई और इंट्रेस्ट में ऐसी कुछ भी राहत नहीं दी है कि लोग लोन लेकर अपना काम चलाएं। एक तो व्यवसाय चौपट है, ऊपर से बैंक का लोन भी बढ़ता जाएगा। इसलिए बडे़ व्यवसायी लोन लेने से कतरा रहे हैं।

22 परसेंट लोग हुए बेरोजगार

झारखंड में कोरोना के दौरान बहुत सारे लोगों की नौकरियां छूट गईं। राज्य के विभिन्न शहरों में करीब 22 प्रतिशत लोग बेरोजगार हो गए हैं। यानी 100 लोगों में से 22 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं, जो लोग बेरोजगार हो गए हैं, उन लोगों ने बैंक से लोन लेकर अपना घर चलाया है।

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