रांची(ब्यूरो)। रांची में बनेगी ज्वाइंट पेन की दवा। जी हां, बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी द्वारा ज्वाइंट पेन की दवा का आविष्कार किया गया है। इसका पेटेंट भी भारत सरकार ने कर दिया है। अब बीएयू की ओर से फार्मास्यूटिकल कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है, जो कंपनी इस टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर दवा का निर्माण करेगी। बता दें कि ज्वाइंट पेन से आज हर कोई परेशान है, अलग-अलग कंपनियों की कई दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं।

कई कंपनियों से किया संपर्क

इस दवा का आविष्कार करने वाले बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिर्वसिटी के वैज्ञानिक कौशल कुमार ने बताया कि देश की कई बड़ी कंपनियों से संपर्क किया गया है कि इस पेटेंट को अब प्रोडक्शन में लाया जाए। कई कंपनियों ने इसमें इंट्रेस्ट भी दिखाया है, अब जिस कंपनी के साथ फाइनल होगा, उसके साथ काम किया जाएगा।

आम लोगों तक पहुंचेगी दवा

डॉ कौशल कुमार ने कहा कि सूजन और दर्द निवारण दवा का पेटेंट मिलने के बाद इसे आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएयू जल्द ही देश की अग्रणी दवा निर्माता कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा और पेटेंट के तकनीकी हस्तांतरण के लिए प्रारूप तैयार किया जाएगा। ताकि बीएयू इस अनुसंधान तकनीकी का लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचा सके।

बिरसोल नाम दिया गया है

कौशल कुमार ने बताया कि हर्बल फ ॉर्मूलेशन आविष्कार को पेटेंट मिल चुका है। इस हर्बल फ ॉर्मूलेशन का नाम बिरसोल दिया गया है। इसे जॉइंट पेन, इन्फ्लेमेशन, स्किन केयर के लिए बनाया गया है। इस पेटेंट की अवधि 20 वर्ष तक है। यह पूरी तरह हर्बल है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आजकल हर वर्ग के लोगों को घुटने में दर्द की शिकायत, सूजन, लालिमा साथ ही स्किन डिजीज कॉमन हैं। ऐसे में यह हर्बल फ ॉर्मूलेशन रामबाण का काम करने वाला है। उन्होंने बताया कि नोवेल फ ॉर्मूलेशन के आधार पर पेटेंट की स्वीकृति मिली है। पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 12 व 13 तथा उस आधार पर बने नियमों के तहत उपयुक्त पेटेंट मिला है।

लोशन क्रीम बन सकेगी

डॉ कौशल कुमार ने कहा कि इस हर्बल फॉर्मूलेशन से बाम, लोशन, स्प्रे एवं क्रीम आदि उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। यूनिवर्सिटी द्वारा इसे बीएयू बिरसोल के नाम से दवा बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। वर्ष 2021 में भी चराई गोढवा वृक्ष से तैयार की गई हर्बल फ ार्मूलेशन बीएयू को पेटेंट की स्वीकृति मिली थी। यूनिवर्सिटी दोनों हर्बल फ ॉर्मूलेशन के तकनीकी हस्तांतरण की नीति तैयार कर रही है।

इस नाम से मिला पेटेंट

डॉ कौशल कुमार के नोवेल सिनर्जीस्टिक टोपिकल एप्लीकेशंस फ ार्मूलेशन फ ॉर जॉइंट पैन, इनफ्लेमेशन, स्किन केयर एंड दी प्रॉसेस ऑफ प्रीपेयरिंग दी सेम पर भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय ने अपनी मुहर लगाकर पेटेंट दे दिया है।

पिछले कई सालों से इस पर काम किया जा रहा था, इस साल पेटेंट मिल गया है। अब कंपनियों के साथ संपर्क किया जा रहा है जो कंपनी इस पेटेंट के साथ काम करने को तैयार होगी, उसके साथ काम किया जाएगा।

-डॉ कौशल कुमार, वैज्ञानिक, बीएयू, रांची