रांची: 2019 में बनकर तैयार होने वाला कांटाटोली फ्लाईओवर 2021 में भी कंप्लीट होता नहीं दिख रहा है। फ्लाईओवर निर्माण वर्ष 2021 अंत तक भी पूरा होने की उम्मीद नहीं है। जी हां, पिछले डेढ़ वर्षो से काम बंद है। अब तक मात्र 132 पाइल, दो पाइल कैप और एक पीलर की कास्टिंग हुई है। फ्लाईओवर की प्रस्तावित लंबाई लगभग 2300 मीटर है। कांटा टोली फ्लाईओवर की संशोधित डीपीआर तैयार करने के लिए परामर्शी कंपनी को 3 महीनों का समय दिया गया है, जिसके बाद निर्माण के लिए टेंडर किया जाएगा। टेंडर में एल वन आने वाली कंपनी फ्लाईओवर का निर्माण करेगी। पहले कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण बहुबाजार की ओर से वाईएमसीए से लेकर कोकर स्थित शांतिनगर तक होना था। लेकिन अब बहुबाजार की ओर फ्लाईओवर का विस्तार योगदा सत्संग आश्रम तक किया जाएगा।

देर के कारण बढ़ रहा बजट

दरअसल, 2017 की शुरुआत में ही कांटाटोली फ्लाईओवर बनाने का काम नगर विकास विभाग के तहत जुडको ने शुरू किया था। शुरुआत में जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या बनी, लेकिन इसे सुलझा लिया गया। इसके बावजूद डीपीआर में ही गलती सामने आ गई, जिसके बाद मुख्य डीपीआर की राशि 40 करोड़ से बढ़कर 84 करोड़ हो गई। फिर कई तकनीकी कमियों को देख निर्माण कार्य का काम रुक गया। 84 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपये अब तक खर्च होने का अनुमान है। लेकिन निर्माण के नाम पर एक पीलर भी सही तरीके से खड़ा नहीं हो सका है। ऐसे में फिर से नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू होने पर लागत राशि में करोड़ों रुपए का इजाफा तय है।

डेली घंटों ट्रैफिक जाम

आलम यह है कि हजारीबाग और टाटा रोड को जोड़ने वाला यह फ्लाईओवर अधूरा पड़ा हुआ है। इसकी वजह से जाम की समस्या भी लगातार हो रही है। निर्माण कार्य की वजह से डस्ट भी ज्यादा उड़ रहा है जो आम लोगों को बीमार भी कर सकता है। वर्षो से अधूरे पड़े कांटाटोली फ्लाईओवर की वजह से परेशानियां झेल रहे लोगों का साफ कहना है कि इस प्रोजेक्ट में करोड़ों का घोटाला किया गया होगा।

अब परेशानी से ऊब गए लोग

नई सरकार और नए सचिव आने के बाद भी अब तक काम शुरू नहीं होने से लोगों में अविश्वास की भावना बढ़ गई है। ऐसे में सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए काम शुरू करना चाहिए। लोगों का कहना है कि अगर जनता से किए गए वादे और जरूरतों को पूरा नहीं किया जाएगा तो जनप्रतिनिधि जनता के बीच कुछ कहने में असहज महसूस करने लगेंगे।

चौथी बार टेंडर, इकलौती कंपनी ने जताई इच्छा

अधूरे पड़े कांटाटोली फ्लाईओवर को पूरा करने के लिए चौथी बार टेंडर निकाला गया, जिसमें केवल एक मालवीय इंफ्रा नामक कंपनी ने काम करने की इच्छा जताई। वहीं डीपीआर संशोधित होने के बाद ही निर्माण कार्य के लिए एजेंसी का चयन किया जाएगा, जिसमें लगभग 6 महीनों का समय लग सकता है। उसके बाद निर्माण पूरा करने में भी कम से कम 1 साल का समय लगना लाजिमी है। ऐसे में शहर के व्यस्ततम चौराहा का ट्रैफिक सुगम बनाने और लोगों को इसके लाभ के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा।

2016 में मिल चुका था अप्रूवल

कांटाटोली फ्लाईओवर के लिए कैबिनेट ने 2016 में अप्रूवल दिया था। 2017 में इसके लिए काम आवंटित किया गया। पर भूअर्जन के कारण काम चालू नहीं हो सका। मई 2018 में भूअर्जन का काम पूरा हो गया। जून 2018 में भूअर्जन से क्लीयरेंस दे दिया गया। इस हिसाब से जून 2020 तक कांटाटोली फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। अब इस परियोजना में विस्तार होना है जिसके बाद इसके मूल बजट में भी बदलाव होगा। वर्तमान में कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण बहुबाजार की ओर वाईएमसीए से लेकर कोकर की ओर शांतिनगर तक हो रहा था। जिसकी लंबाई 1260 मीटर थी। अब तक 132 पाइल की कास्टिंग हो चुकी है। 19 खंभों में दो पाइल कैप और एक पीलर की कास्टिंग हो चुकी है। योगदा सत्संग से फ्लाईओवर का निर्माण कराये जाने से फ्लाईओवर की लंबाई लगभग 2300 मीटर हो जाएगी।