रांची: राजधानी रांची के एक छोटे से इलाके की प्रतिभा जिसने कई राष्ट्रीय अवार्ड जीते हैं। आज उसे किसी तरह हडि़या (राइस बीयर) बेच कर और खेती बाड़ी करके अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। लेकिन, इस विमला के लिए गुरुवार की सुबह राहत देने वाली खबर लेकर आई। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजीजू ने खुद विमला को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है। दरअसल, डीजे आईनेक्स्ट ने बीते साल अक्टूबर महीने में विमला की दयनीय आर्थिक स्थिति को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए इस प्रतिभावान खिलाड़ी को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद देते हुए जल्द ही सीधी नियुक्ति का आश्वासन दिया था। हांलाकि, तीन महीने बीतने के बाद भी अबतक विमला और उसके जैसे दूसरे प्रतिभावान खिलाडि़यों को नौकरी नहीं मिल पाई है।

केंद्रीय खेल मंत्री ने किया ट्विट

तीने महीने पहले डीजे आईनेक्स्ट ने विमला और उसके आर्थिक हालात पर झारखंड के लिए जीती है सोना, अब दो वक्त रोटी का रोना हेडिंग से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजीजू ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्विट कर बिमला को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजीजू ने अपने ट्विट में लिखा है कि “विमला मुंडा मेरे कार्यालय से संपर्क कर सकती है। मोदी सरकार भारत के शीर्ष खिलाडि़यों को मदद देने के लिए हमेशा तैयार है“।

मंत्री को लिखा आभार पत्र

विमला मुंडा को जब यह मालूम हुआ तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने डीजे आईनेक्स्ट को धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि आईनेक्स्ट में खबर नहीं छपती तो आज उसकी पहचान छिपी रह जाती है। वहीं विमला ने केंद्रीय खेल मंत्री का भी आभार जताया है। विमला ने मंत्री को आभार पत्र लिखा है जो डीजे आईनेक्स्ट के पास मौजूद है। उसने कहा कि छोटे से गांव जहां उसके घर तक जाने के लिए सड़क भी नहीं है। ऐसे स्थान के खिलाड़ी की स्थिति को मंत्री खुद संज्ञान में ले रहे हैं, इससे बड़ी खुशी की बात और कुछ हो ही नहीं सकती है। हालांकि थोडे़ निराशा भरे लहजे में विमला ने बताया कि आर्थिक स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। राज्य सरकार ने सीधी नियुक्ति का आश्वासन दिया था। लेकिन समय बीतता जा रहा है और कुछ हो नहीं रहा।

कौन है विमला

विमला मुंडा कराटे चैम्पियन हैं। वह रांची कांके के पतरागोंदा में अपने नाना-नानी के साथ रहती हैं। विमला बचपन से ही कराटे के अलग-अलग टूर्नामेंट में भाग लेती रही हैं। अब तक सौ से भी ज्यादा मेडल और सर्टिफिकेट जीत चुकी हैं। लेकिन विमला को जो पहचान मिलनी चाहिए थी वो अब तक नहीं मिल सकी है। विमला की फाइनांशियल कंडिशन इतनी ज्यादा खराब है कि उसे राइस बियर हडि़या बेच कर गुजारा करना पड़ रहा है। विमला अक्षय कुमार इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड और 34वें नेशनल गेम्स में सिल्वर भी जीत चुकी हैं। विमला के मामा मलु पहान बताते हैं कि आज विमला की वजह से लोग पतरागोंदा इलाके को जानने लगे हैं। लेकिन सरकार की ओर से जो मदद मिलनी चाहिए। वो अबतक नहीं मिली है। यदि विमला की नियुक्ति हो जाती तो परिवार की आर्थिक हालत में सुधार आती।

मंत्री ऑफिस से मिला भरोसा

विमला ने बताया कि ट्विट पढ़ने के बाद उसने मंत्री ऑफिस में फोन करके बातचीत की। वहां उससे नाम, पता, किस खेल में अवार्ड जीता है, ये सारी जानकारियां ली गई हैं। जल्द से जल्द मदद करने का भरोसा दिलाया गया है।