जल संसाधन मंत्री ने की घोषणा

RANCHI (17 Nov) : राज्य के जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा है कि गरही जलाशय योजना के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि रैयतों को वापस की जायेगी। इसे लेकर आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। चतरा एवं हजारीबाग जिले की अधिग्रहित की गयी क्8भ्ख्.907भ् एकड़ भूमि रैयतों का वापस की जायेगी। उन्होंने कहा कि गरही जलाशय योजना निर्माण को लेकर चतरा जिले के राहम ग्राम का फ्7ख्.म्क् एकड़, नईपारम ग्राम का ख्क्8.म्भ् एकड़, उत्तराठी ग्राम का म्0.89ख्भ् एकड़, लरंगा ग्राम का क्ख्.भ्क् एकड़, दुन्दुआ ग्राम का क्9म्.भ्म् एकड़, टण्डवा ग्राम का फ्म्.फ्9 एकड़ एवं एक अन्य लरंगा ग्राम का 7म्.80भ् एकड़ भूमि और हजारीबाग जिले का 878.ब्9 एकड़ भूमि का अधिग्रहण क्फ् जनवरी 0भ् में किया गया।

एनटीपीसी ने नहीं दी राशि, बंद थी परियोजना

मालूम हो कि संयुक्त बिहार में वर्ष क्999 में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए गरही जलाशय योजना निर्माण का फैसला लिया गया था। इस योजना के डूब क्षेत्र एवं पुनर्वास स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की गयी। लेकिन, एनटीपीसी के द्वारा भू-अर्जन और जलाशय निर्माण के लिए राशि नहीं दी गयी। इसके बाद गरही जलाशय योजना का निर्माण कार्य बंद हो गया, क्योंकि गरही जलाशय योजना की उपयोगिता पावर प्लांट के लिए थी। मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि गांव के लोगों की असली पूंजी भूमि होती है और यही जीवन यापन का मुख्य जरिया होता है। इस लिहाज से रैयतों को भूमि वापस करना ही श्रेयस्कर होगा।