- सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे, लेकिन 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ होगा काम

- सब्जी विक्रेताओं, किसानों, मीडिया कर्मियों को अब ई-पास की जरूरत नहीं

- सरकारी कर्मियों, बड़ी कंपनियों व फैक्ट्रियों में काम करने वालों को भी राहत

रांची : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (लॉकडाउन) को कुछ रियायतों के साथ एक सप्ताह, यानी तीन जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अभी 27 मई की सुबह 6 बजे तक इसके तहत लॉकडाउन प्रभावी था। अब तीन जून की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में पहले से लागू सभी प्रतिबंधों के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह तीन जून की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। लेकिन, सरकार ने इस बार कई रियायतें भी दी हैं। इन रियायतों में सबसे बड़ा लाभ कृषि सेक्टर को मिला है। किसानों को बाजार तक अपना उत्पाद लेकर जाने के लिए अब ई-पास की जरूरत नहीं होगी। इससे किसान अपने उत्पाद, सब्जियां आदि लेकर सीधे बाजार पहुंच सकते हैं। तरबूज आदि स्थानीय उपज से जुड़े किसानों को इससे लाभ मिलेगा।

यास पर भी चर्चा

सरकार के फैसले के अनुसार अब सचिवालय 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ दोपहर दो बजे तक काम करेगा। संयुक्त सचिव स्तर से ऊपर के सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से विभाग में आएंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में चक्रवाती तूफान 'यास' के झारखंड में पड़ने वाले असर व उससे बचाव को लेकर की गई तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया। आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल व सचिव अबुबकर सिद्दिकी मौजूद थे।

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सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे

राज्य मुख्यालय में फिलहाल गृह विभाग, आपदा प्रबंधन, वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग जैसे दफ्तर ही खुले हुए थे, लेकिन अब सरकार की अधिसूचना के साथ ही सभी सरकारी दफ्तर खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि दफ्तरों में एक तिहाई से अधिक कर्मियों को नहीं बुलाया जाएगा। इस दौरान संयुक्त सचिव के ऊपर स्तर के सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना है। 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सचिवालय के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे। इसके अलावा ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी, लेकिन सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों तथा बड़ी कंपनियों या फैक्ट्रियों में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा। इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है।

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27 मई से लॉकडाउन में नया क्या :

- सभी सरकारी दफ्तर खुल जाएंगे।

- कुछ वर्ग को ई-पास से छूट।

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इन के लिए ई-पास अनिवार्य नहीं :

- केंद्र व राज्य सरकार तथा इससे जुड़े कार्यालयों के अधिकारी-कर्मी।

- हाई कोर्ट, सिविल कोर्ट से जुड़े सभी न्यायिक अधिकारी-कर्मी, अधिवक्ता, कोर्ट सदस्य।

- सभी डाक्टर, नर्स व अस्पताल, लैब सेवा से जुड़े सभी पदाधिकारी-कर्मी।

- गर्भवती महिला, मरीज व उनके स्वजन, कोविड जांच या टीकाकरण के लिए जाने वाले।

- इलेक्ट्रॉनिक व ¨प्रट मीडियाकर्मी, रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट आने-जाने वाले।

- परीक्षा के लिए जाने वाले परीक्षार्थी, राज्य के भीतर या राज्य के बाहर सामान ले जाने-ले आने वाले।

- औद्योगिक या खनन से जुड़े कर्मी।

- बिजली मरम्मत, पानी सप्लाई, दूरसंचार, नगर निगम सेवा से जुड़े कर्मी।

- वैसे व्यक्ति या संगठन जिनकी सेवा जिला प्रशासन कोविड नियंत्रण में लेगा।

- अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले।

- किसानों तथा कृषि उत्पाद ले जाने-ले आने वालों के लिए।

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दिखाना होगा आई कार्ड

- संस्थान का पहचान पत्र, रेलवे-एयरपोर्ट वाले यात्रियों को यात्री टिकट, परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र, मरीज को डॉक्टर का पर्चा, टीका लेने वाले या जांच कराने वालों को उससे संबंधित कागजात आदि।

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ये खुले रहेंगे :

- मेडिकल, स्वास्थ्य संबंधित, पेट्रोल पंप, हाइवे के किनारे का ढाबा, औद्योगिक व खनन, कोल्ड स्टोरेज, प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया, दूरसंचार सेवा, सुरक्षा सेवा व राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहेंगे। सचिवालय 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ दोपहर दो बजे तक काम करेगा।

- दोपहर दो बजे तक सिर्फ अनिवार्य सेवा वाली दुकानें, उचित मूल्य की दुकानें, ग्रॉसरी शॉप, सब्जी-फल, दूध व पशु चारा की दुकानें, कृषि संबंधित दुकानें, ऑनलाइन मार्केटिंग, कंस्ट्रक्शन शॉप, उत्पाद दुकानें, वाहन मरम्मत की दुकानें, बैंक व वित्तीय संस्थान खुलेंगे।

- सभी धाíमक स्थान खुलेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित।

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ये प्रतिबंध लागू रहेंगे :

- शादी-विवाह या तो घर में होगा या कोर्ट में। यह किसी पब्लिक प्लेस पर, कम्युनिटी हॉल, बैंक्वेट हॉल में नहीं होगा। डीजे, लाउडस्पीकर व पटाखा प्रतिबंधित है। 11 से ज्यादा लोग शादी में नहीं जुटेंगे। इनमें केवल दूल्हा-दुल्हन पक्ष के लोग रहेंगे। इसके लिए शादी-विवाह के तीन दिन पहले नजदीक के पुलिस स्टेशन को सूचना देनी पड़ेगी। यह प्रतिबंध 16 मई से प्रभावी है।

- सभी जुलूस प्रतिबंधित है। सभी आइसीडीएस केंद्र बंद रहेंगे।

- सभी शैक्षणिक संस्थान, स्कूल, कॉलेज, आइटीआइ, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, कोचिंग इंस्टीच्यूट, प्रशिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। ऑनलाइन क्लास चलेंगे।

- सभी मेला-प्रदर्शनी पर रोक।

- सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, थिएटर, सभा भवन बंद रहेंगे।

- सभी स्टेडियम, जिम, स्वीमिंग पुल, पार्क बंद रहेंगे।

- सुबह छह बजे से दोपहर तीन बजे तक ही आवश्यक कार्य से सड़क पर निकलने की अनुमति है। इसके बाद केवल हवाई जहाज, रेल, बस व मेडिकल संबंधित कार्य से निकलने वालों को ही अनुमति होगी।

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यह जानना जरूरी है :

- निजी वाहन से चलने वालों को ई-पास, वैद्य फोटो पहचान पत्र, एयर, रेल की यात्रा संबंधित टिकट रखना होगा।

- अंतरराज्यीय व अंतर जिला बस परिचालन बंद रहेगा। केवल जिला प्रशासन की बसें चलेंगी।

- जिला के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कॉमर्शियल वाहन, टैक्सी, ऑटो बिना ई-पास के चलेंगे।

- राज्य के भीतर निजी वाहन या टैक्सी से चलने वालों को ई-पास लेना होगा। राज्य के बाहर जाने के लिए ई-पास की जरूरत नहीं है।

- जिले के भीतर या जिले के बाहर सिर्फ ई-पास से ही घूम सकेंगे।

- भारत सरकार, झारखंड सरकार के वाहनों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।

- वैसे वाहन जो राज्य से होकर दूसरे राज्य में जा रहे हैं, उनके लिए ई-पास अनिवार्य नहीं है।

- जिला प्रशासन की सीमा पर चेक-पोस्ट पर लगातार चेकिंग होगी।

- शहर व गांव के हाट-बाजार में शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य होगा।

- वैसे व्यक्ति जो झारखंड में आ रहे हैं, उन्हें सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा। उन्हें झारखंड ट्रेवेल डॉट इन पर अपना डिटेल्स देना होगा। जिला प्रशासन ऐसे लोगों पर नजर रखेगा। अगर जिला प्रशासन को लगेगा कि उक्त व्यक्ति होम क्वारंटाइन में नहीं रह सकता है, उसे संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। जो 72 घंटे के भीतर राज्य से वापस हो जाएंगे, उनपर यह नियम लागू नहीं होगा।

- बिना मास्क, फेस कवर का कोई भी व्यक्ति सरकारी कार्यालय, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा व भीड़भाड़ वाले स्थान पर नहीं जा सकेगा।

- अगर कोई उक्त आदेश का अनुपालन नहीं करेगा, तो उसपर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।

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