RANCHI:झारखंड के हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड स्थित बहोरनपुर पुरातात्विक खोदाई स्थल से मिलीं भगवान बुद्ध की दो प्रतिमाएं चोरी हो गई हैं। ये प्रतिमाएं व्हाइट सैंड स्टोन से बनी भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली हैं और 1100 साल से भी अधिक पुरानी हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिमाओं की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। प्रतिमा की चोरी की सूचना रविवार की सुबह तब मिली, जब खोदाई कार्य करने के लिए मजदूर पहुंचे। मजदूरों के अनुसार खोदाई स्थल के इटवा टिल्हा से प्रतिमाएं गायब थीं। इधर, प्रतिमा गायब होने की खबर मिलते ही डीसी आदित्य कुमार आनंद, एसपी कार्तिक एस, एसडीपीओ सदर सहित कई प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। रात में तैनात सुरक्षाकर्मी व ग्रामीण सुरक्षा दल से पूछताछ की गई। श्वान दस्ते को भी बुलाया गया। फिलहाल, अनुसंधान के मद्देनजर खनन कार्य रोक दिया गया है।

जंगल-पहाड़ी से घिरा है खोदाई स्थल

पहाड़ी के तलहटी में इटवा टिल्हा है, जो तीन ओेर से जंगल और पहाड़ों से घिरा है। सुरक्षा में चार जवान व तीन ग्रामीण लगे थे। इस बीच प्रतिमा कब और कैसे चोरी चली गई, किसी को पता नहीं चल सका। खोदाई स्थल पर जंगली जानवरों का आना-जाना देख सुरक्षा में लगे जवान मैदान में बने शिविर में सो रहे थे। वहीं, एक संतरी डयूटी पर तैनात था। रात में लाइट की उचित व्यवस्था नहीं होने से चोरों ने इसका फायदा उठाया।

जहां मिलीं, वहीं रखी थीं प्रतिमाएं

इटवा टिल्हा के पश्चिम-उत्तर कोना पर एक साथ आठ प्रतिमाएं प्राप्त हुई थीं। इनमें तीन प्रतिमाएं टूटी हुईं थीं। एक भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली चार फीट ऊंची प्रतिमा थी। इनके अलावा बाई ओर दो और प्रतिमाएं मिली थीं, जो चोरी हो गई हैं। प्रतिमाएं उसी स्थिति में रखी गई थीं, जैसे प्राप्त हुई थीं। मूल्यांकन के बाद उसे स्थानातंरित करने की योजना थी।

बौद्ध भिक्षुओं का दल पहुंचा

हजारीबाग में चल रहे खोदाई कार्य की सूचना पर छत्तीसगढ़ से बौद्ध भिक्षुओं का दल रविवार को हजारीबाग पहुंचा। जैसे ही उन्हें चोरी की जानकारी मिली, वे व्यथित हो गए। इसके बाद दल ने खोदाई स्थल का जायजा लिया और सुरक्षा की मांग की। यह दल यूपी का है। छत्तीसगढ़ में भी खोदाई की सूचना पर वहां गया था। इसके बाद हजारीबाग पहुंचा था।

सबसे कीमती दो मूर्तियों को चुराया

बहोरनपुर में खोदाई में प्राप्त प्रतिमा अनमोल थी। एक माह पूर्व इटवा टिल्हा के उतर पश्चिम कोना में एक ही स्थान पर आठ प्रतिमाएं एक साथ मिली थीं। प्रतिमा मैं¨पग और मूल्यांकन होने तक उसी स्थान पर रखी गयी था। चोरी के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इन प्रतिमाओं की चोरी करने वाला शख्स प्रतिमाओं की कीमत और उसकी कद्र का जानकार होगा। उसे पता होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में टूटी-फूटी मूर्ति की कोई कीमत नहीं मिलती, शायद यही वजह रही होगी कि चोर ने उन दो प्रतिमाओं को चुराया, जो बेहतरी स्थिति में थीं। अगर चोर प्रतिमा का जानकार नहीं होता, तो वह उस मूर्ति को भी उठा ले जाता जो साढ़े चार फिट की है और उसकी कीमत भी उसे अधिक मिलती।

बेहद सावधानी से उखाड़ा

घटनास्थल पर प्रतिमा मिट्टी में ही चिपकी थी, जिसे चोर उखाड़ ले गए। चोरों ने पूरी सावधानी बरती और प्रतिमा को मिट्टी से निकाला। मौके पर एक भी ऐसे निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह कहा जा सके की प्रतिमा उखाड़ने के दौरान खंडित हुई होगी। मिट्टी में खुरपी के निशान चोरों की विशेषज्ञता को बता रहे हैं। दोनों प्रतिमाएं व्हाइट सैंड स्टोन की थीं और करीब डेढ़ फिट उंची होंगी। भगवान बुद्ध की यह प्रतिमा दोनों ध्यान मुद्रा में थी, जिसके स्वरूप अलग-अलग थे।

खोदाई स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी। किस परिस्थिति में चोरी हुई है या फिर कर्मियों की लापरवाही है, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस पूरे मामले को एक दूसरे से जोड़ कर जांच कर रही है। जल्द ही चोर पकड़े जाएंगे।

कार्तिक एस, एसपी, हजारीबाग