रांची: नगर विकास विभाग के सचिव के निर्देश पर नगर आयुक्त चलो करें कोरोना को डाउन, रांची बनेगा नम्बर-1 टाउन अभियान महज आईवॉश है। यह बड़ा आरोप रांची की मेयर आशा लकड़ा ने खुद लगाया है। शुक्रवार को वह सिटी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार की रोकथाम के उद्देश्य से शहर की सफाई व्यवस्था, सेनेटाइजेशन व फॉगिंग कार्यो का निरीक्षण कर रही थीं। हालांकि, इस दौरान एक दिन पहले ही सूचना देने के बावजूद रांची नगर निगम का एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। मेयर ने नगर आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह आपदा को अवसर बनाकर सफाई, सेनेटाइजेशन व फॉगिंग के नाम पर रांची नगर निगम के राजस्व का दुरुपयोग कर रहे हैं।

रेगुलर कूड़ा उठाव का निर्देश

मेयर ने वार्ड-32, 33, 34, 35 व 36 का निरीक्षण किया। इस क्रम में वार्ड 32 स्थित लकड़ी टाल व लक्ष्मी नगर के विभिन्न गली-मोहल्लों में उन्होंने पाया कि कई जगहों पर नालियां गंदगी व कूड़े के ढेर से जाम हैं। स्थानीय लोगों ने मेयर से शिकायत की कोरोना संक्रमण के दौर में भी रांची नगर निगम की ओर से न तो डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव किया जा रहा है और न ही सेनेटाइजेशन या फॉगिंग हो रही है। मेयर ने तत्काल सुपरवाइजर व जोनल सुपरवाइजर को बुलाकर कचरा उठाने व नालियों की सफाई करने का निर्देश दिया। साथ ही सुपरवाइजर व जोनल सुपरवाइज़र को चेतावनी देते हुए कहा कि नियमित रूप से कूड़े का उठाव सुनिश्चित कराएं।

दवा दुकानदार को फटकार

वहीं, वार्ड 33 स्थित काजू बागान, राधा नगर, आनंद नगर आदि इलाकों में में भी मेयर ने सफाई व सेनेटाइजेशन कार्य का निरीक्षण किया। संबंधित क्षेत्र में भी कूड़े के ढेर व नाली जाम की शिकायत मिली। वार्ड 34 स्थित बजरा, हेहल के गली-मोहल्लों में मेयर ने देखा कि स्थानीय मेडिकल शॉप संचालक ने उपयोग किए गए इंजेक्शन व दवाइयों के खाली डिब्बों को खुली नाली में फेंककर नाली को जाम कर दिया है। उन्होंने मेडिकल शॉप के संचालक को फटकार लगाई और चेतावनी दी कि भविष्य में इस प्रकार मेडिकल वेस्ट से नाली को जाम किया गया तो कड़ी कार्रवाई करने के साथ-साथ जुर्माना भी किया जाएगा।