RANCHI : भगवान महावीर मेडिका हॉस्पिटल, बूटी मोड़ में मौत के बाद भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने व परिजनों द्वारा बिल के 85 हजार रुपए चुकाने में असमर्थता जताए जाने पर डेड बॉडी को नहीं देने का मामला सामने आया है। रविवार को जब परिजनों ने इधर-उधर से जुगाड़ कर बिल चुकाया, तब हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने डेड बॉडी उन्हें सौंपा।

शनिवार को ही हो गई थी मौत

परिजनों के मुताबिक, शनिवार को जब वे मरीज को देखने गे थे तो उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी व आंखें खुली थी। इस बाबत जब इलाज कर रहे डॉक्टर्स से पूछा तो उन्होंने मरीज के बेहोश होने की बात कही। हालांकि, मरीज को देखने से ही लग रहा था कि उसकी मौत हो चुकी है, पर वे जानबूझकर उसे वेंटिलेटर पर रखे हुए थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा बिल बनाया जा सके।

डॉक्टर्स ने बता दी थी कई बीमारियां

चतरा के रहने वाले राम कुमार साहू ने दो मई को अपनी पत्नी गीता देवी को उल्टी और दस्त की शिकायत होने के बाद मेडिका हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने मरीज को कई गंभीर बीमारी होने की बात कह दी थी। कभी वे मरीज के लंग्स में पानी भर जाने की बात कह रहे थे तो कभी किडनी फेल होने जाने की। परिजन जब उनसे मरीज के हाल की जानकारी मांगते थे तो उन्हें बस इतना कह दिया जाता था कि हम अपना काम कर रहे हैं।