रांची(ब्यूरो)। कांके में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जल्द ही शुरू होने वाला है। भवन निर्माण विभाग ने कांके में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए डीपीआर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। हजारीबाग और पलामू की तर्ज पर कांके में 500 बेड का मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कांके में रिनपास के पास 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। वहां पर मेडिको सिटी भी बनाया जाएगा। इसके अलावा अन्य भवन भी डेवलप किए जाएंगे। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने जमीन भी उपलब्ध करा दी है।

पहले इटकी में बननी थी मेडिको सिटी

पिछली सरकार ने इटकी में मेडिको सिटी बनाने की योजना बनाई थी। 2021 में इसकी शुरुआत भी हो जानी थी। स्वास्थ्य विभाग इटकी के टीबी सैनेटोरियम की 70 एकड़ जमीन पर पीपीपी मोड पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी में जुटा था। राज्य सरकार ने निजी कंपनियों और संस्थानों को आकर्षित करने के लिए कई रियायतें भी देने की तैयारी की थी। टीबी सैनेटोरियम की जमीन पर मेडिको सिटी को चार प्रोजेक्ट के आधार पर विभाजित कर विकसित किया गया था। इसके तहत प्रोजेक्ट ए में मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, प्रोजेक्ट बी में मेडिकल एजुकेशनल हब, प्रोजेक्ट सी में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और प्रोजेक्ट डी में आयुर्वेद सेंटर बनाया जाना था। लेकिन इस नई सरकार ने इस योजना को कांके के रिनपास के पास में शिफ्ट कर दिया।

झारखंड के छात्र करेंगे पढ़ाई

मेडिको सिटी में मेडिकल कॉलेज भी बनना है। मेडिकल कॉलेज में 85 परसेंट सीट झारखंड के स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा 20 परसेंट सीटों पर स्टूडेंट्स का एडमिशन स्वास्थ विभाग द्वारा तय की गई फीस के आधार पर होगा। मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में 30 परसेंट बेड बीपीएल मरीजों के लिए आरक्षित होंगी। मेडिकल एजुकेशन हब के तहत नर्सिंग में बीएससी और एमएससी की पढ़ाई होगी। बीएससी नर्सिंग में 100 सीटें और एमएससी नर्सिग में 60 सीटें होंगी। इनमें से 15 परसेंट सीटें राज्य सरकार सेलेक्टेड स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित रखेगी।

प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी फैसिलिटी

मेडिको सिटी में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। यहां 30 परसेंट बेड वैसे मरीजों के लिए आरक्षित होंगी, जिनका फ्री इलाज किया जाना है। मेडिको सिटी में आयुर्वेद सेंटर विकसित किया जाएगा। यहां भी 15 परसेंट सीट्स वैसे स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित होंगी, जिनका सेलेक्शन राज्य सरकार द्वारा किया गया हो।

देशभर से पहुंचेंगे इन्वेस्टर्स

पीपीपी मोड पर इसे डेवलप करने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। यहां हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने वाली कंपनियों को स्वास्थ्य विभाग कई रियायतें भी देगा। यहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा देश के बड़े महारथी जो स्वास्थ्य क्षेत्र में हैं उनको यहां लाकर इनवेस्ट कराने पर काम किया जा रहा है। बड़ी कंपनियों के यहां आने के बाद सिटी में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो जाएगा। पुनर्वास केंद्र के लिए है रिनपास में जिस जमीन पर मेडिको सिटी बनाई जाएगी, वह रिनपास के पुर्नवास केंद्र के लिए रखी गयी थी। वर्तमान में इस खाली जमीन पर खेती कर फल और सब्जी उगाई जाती है, जो यहां के भर्ती मरीजों को दिया जाता है। इसी खाली जमीन पर मेडिको सिटी बसायी जाएगी।

मेडिकल हब होगा डेवलप

निवेशकों को उनकी जरूरतों के हिसाब से अस्पताल निर्माण के लिए जमीन दी जाएगी, मेडिको सिटी परिसर में कॉमन यूटिलिटी सर्विस बिजली, पेयजल, सड़क, ड्रेनेज और सीवरेज, स्ट्रीट लाइट्स, बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि देश-दुनिया के सामने इसे एक मॉडल मेडिकल हब के रूप में रखा जा सके।