RANCHI : राज्य में लंबित रेल परियोजनाओं के कार्यो में अब तेजी आने की संभावना दिख रही है। रेलवे की वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए मुख्य सचिव, वित्त सचिव, परिवहन आयुक्त एवं रेलवे की एक कमिटी बनाई जाएगी। यह कमिटी दो दिनों के अंदर लंबित परियोजनाओं की स्थिति, उस पर होने वाले खर्च, परियोजना को पूरा करने में लगनेवाले समय के बारे में रिपोर्ट देगी। उसके बाद तेजी से झारखंड में रेलवे का काम शुरू किया जाएगा। यह आदेश सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार का प्रोजेक्ट भवन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार के साथ हुई मीटिंग में दिया। इस अवसर पर वित्त मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह, मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसके सत्पथी, वित्त सचिव राजबाला वर्मा, परिवहन आयुक्त केके सोन मौजूद थे।

बोर्ड अध्यक्ष ने मांगी जमीन

सीएम के साथ मीटिंग में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुणेंद्र कुमार ने यह मांग की कि झारखंड सरकार बोर्ड को जमीन का अधिग्रहण करके दे दे, तो काम तेजी से होगा। उन्होंने कहा- झारखंड में रेलवे लाइन बिछाने का काम इसलिए भी धीरे चल रहा है, क्योंकि हमलोगों को जमीन नहीं मिल पा रही है। साथ ही सरकार को रेलवे को सुरक्षा भी देने की जरूरत है। रेलवे के प्रोजेक्ट में देर होने का असर यह हो रहा है कि प्रोजेक्ट की लागत कई गुणा बढ़ जा रही है। अगर सरकार सपोर्ट करती है, तो सही समय पर सभी प्रोजेक्ट पूरा होगा। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सीएम हेमंत सोरेन से राशि की मांग भी की।

पहले अधूरी योजनाएं पूरी हों

सीएम ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के साथ मीटिंग में कहा कि बहुत सारी परियोजनाओं पर एक साथ काम करने से अधिक जरूरत है कि जो परियोजनाएं लगभग पूरी हो गई हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पहले पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि छह योजनाओं के तहत भ्म्भ् किमी रेलमार्ग का निर्माण होना है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा दो हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक फ्म्भ् किमी रेलमार्ग का ही निर्माण हो सका है। झारखंड सरकार अब कमिटी द्वारा दी जानेवाली रिपोर्ट के आधार पर योजनाओं के लिए एमओयू साइन करेगी और रेलवे के जिस प्रोजेक्ट के लिए पैसा दिया गया है, उसी योजना पर राशि खर्च की जाएगी।

हटिया-बिरसा चौक रेलवे ब्रिज बने

सीएम ने हटिया-बिरसा चौक के बीच रेलवे ओवरब्रिज के काम को प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा। उन्होंने झारखंड में रेलवे ब्रिज की खराब हालत के बारे में भी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से बात की। उन्होंने कहा कि झारखंड से रेलवे को राजस्व भी बहुत मिलता है, तो रेल सुविधा भी बेहतर होनी चाहिए। रांची -दुमका और दुमका इंटरसिटी के रांची सही समय पर नहीं पहुंचने के बारे में भी बताया। दुमका से हावड़ा के लिए भी सीधी रेल सेवा बहाल करने पर जोर दिया गया।

नहीं मिल पाए कर्मचारियों से

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को सोमवार को रांची रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों से भी मिलना था। लेकिन, राज्य सरकार के पदाधिकारियों के साथ हवाई सर्वेक्षण करने के कारण वह उनसे नहीं मिल पाए। कर्मचारी उनके आगमन को लेकर बहुत उत्साहित थे और बहुत तैयारी कर रखी थी, लेकिन अध्यक्ष से नहीं मिलने से थोड़े उदास हो गए।