RANCHI: कोरोना की दस्तक के बाद से ही लोगों में डर समा गया। डर ऐसा कि लोग रात में भी उठकर घरों में हाथों को साबुन से धोने लगे थे। वहीं मास्क और सेनेटाइजर साथ लेना नहीं भूल रहे थे ताकि कोरोना से बचे रहें। इस बीच कई लोग कोरोना की चपेट में आए और जंग जीतकर घर भी लौट गए। लेकिन कोरोना को हराने के बाद अब इन्हें मेंटल अटैक होने लगा है। ऐसे में वे कोरोना-कोरोना करते हुए इलाज के लिए सीआईपी में पहुंच रहे हैं, जहां मरीजों को अब भी लग रहा है कि कोरोनावायरस उनके अंदर है। वह इतने डरे हुए हैं कि कोरोना के अलावा किसी और विषय पर बात भी नहीं कर रहे हैं।

ओपीडी में डेली 3-4 लोग

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री (सीआईपी) के ओपीडी में डिप्रेशन के अलावा मानसिक रूप से बीमार मरीज इलाज के लिए आते हैं। हर दिन आने वाले 80 मरीजों में पांच परसेंट कोरोना को मात देने वाले हैं, जिससे समझा जा सकता है कि कोरोना का डर किस कदर अब भी लोगों के दिल-दिमाग पर हावी है, जिससे लोग बीमार हो रहे है।

काउंसेलिंग को भी 6 लोग

कोरोना के डर से लोग आज भी अछूते नहीं हैं। कुछ लोग तो आज भी कोरोना के डर से बाहर निकलना नहीं चाहते। ऐसे ही लोग घरों में कई बार हाथों की सफाई करने में लगे हैं। जबकि वे घरों से बाहर तक नहीं निकलते। फिर भी उन्हें लगता है कि कोरोना कहीं आसपास है। ऐसे आधा दर्जन मरीज भी काउंसेलिंग के लिए हर दिन आ रहे है। जिन्हें काउसेलिंग के बाद एक्सपर्ट सलाह दे रहे है। सलाह के बाद उनमें सुधार भी देखा जा रहा है।

आनलाइन भी मांग रहे हेल्प

लॉकडाउन के समय से ही कोरोना का डर लोगों में घर कर गया। इसके बाद लोगों के लिए साइकियाट्रिक सोसायटी ने आनलाइन काउंसेलिंग की व्यवस्था शुरू की थी। जिसपर लोग कोरोना के बारे में और इसके इलाज के बारे में जानकारी ले रहे थे। आज भी कई ऐसे लोग है जिन्हें कोरोना से डर लग रहा है। ये लोग कॉल कर मदद मांग रहे है कि कोरोना से बचाव का तरीका बताया जाए।

आजतक जब भी पेनडेमिक आया है तो उसके बाद लोगों के दिल दिमाग पर बीमारी हावी हो जाती है। लोगों को इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा। सालों बाद इस तरह की बीमारी आई है। अब तो इसकी वैक्सीन भी आ गई है लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं। अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा दिखे तो तत्काल उसकी काउसेंलिंग और इलाज कराएं।

डॉ सुरजीत प्रसाद, एसोसिएट प्रोफेसर, सीआईपी