-कोविड गाइडलाइन का मंत्री बन्ना गुप्ता ने नहीं किया पालन, सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने तक क्वारांटाइन में रहने का है नियम

रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन के उल्लंघन व लापरवाही की बात सामने आ रही है। राज्य के सभी नागरिक आईसीएमआर द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे है, ऐसे में सूबे के स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता सभी नियमों को ताक पर रखते हुए कोविड टेस्ट के लिए सैंपल देने के बाद कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने बीते मंगलवार को कोरोना के जांच के लिए पहले एंटीजन रैपिड टेस्ट के लिए सैंपल दिया था, जांच के बाद एंटीजन से रिपोर्ट निगेटिव आयी। जिसके बाद दोपहर में ही ट्रूनेट व आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया गया। सैंपल देने के बाद व रिपोर्ट आने से पहले मंगलवार को वे कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए थे।

सीएम भी थे शामिल

बैठक में एक मंत्री को छोड़कर मुख्यमंत्री समेत बाकी सभी मंत्री शामिल थे। बैठक के बाद शाम में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि सैंपल देने के बाद वे बैठक में कैसे शामिल हुए। आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत सैंपल देने के बाद व्यक्ति संदिग्ध की श्रेणी में आ जाता है। और वह तब तक इस श्रेणी में रहता है जब तक उसकी रिपोर्ट निगेटिव ना आ जाए। ऐसे में सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारांटाइन के नियम का पालन करना था। जो उन्होंने नहीं किया और कैबिनेट की बैठक में शामिल हो गए। स्वास्थ्य मंत्री के बैठक में शामिल होने के बाद हेमंत सरकार के मंत्री मंडल पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने खुद को सेल्फ क्वारांटाइन कर लिया है। संभवत: शुक्रवार को कुछ मंत्री कोविड टेस्ट के लिए अपना सैंपल टेस्ट करा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के ही सूत्र ने बताया कि सैंपल टेस्ट से पूर्व बन्ना गुप्ता की तबीयत भी खराब थी। बुखार व कप की शिकायत के बाद उन्होंने अपना सैंपल टेस्ट के लिए दिया था।

मंत्री की लापरवाही

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की लापरवाही ने सूबे के दूसरे मंत्री व मुख्यमंत्री को संक्रमण के दायरे में लाकर छोड़ दिया है। स्वास्थ्य मंत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद को क्वारांटाइन करते हुए बाकी मंत्रियों को भी क्वारांटाइन में रहने का निर्देश दिया है। मंत्रियों में चर्चा है कि जब बन्ना गुप्ता की तबीयत ठीक नहीं थी तो वे कैबिनेट की बैठक में क्यूं शामिल हुए। वहीं सैंपल देने के बाद उन्हें घर पर ही रहना था, उन्होंने इसका भी पालन नहीं किया।