रांची : रांची में मॉब ¨ल¨चग जैसी सनसनीखेज वारदात सामने आई है। अपर बाजार के नील रतन स्ट्रीट में मोटिया (ट्रक पर ढुलाई करने वाले) मजदूरों ने ट्रक चोरी के आरोप में बीते रविवार की पूरी रात युवक की रस्सी से बांधकर पिटाई की। इससे युवक अधमरा हो गया। सूचना मिलने के बाद सोमवार की सुबह कोतवाली थाने की पुलिस भीड़ से छुड़ाकर युवक को थाने ले आई। स्थिति गंभीर देख इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल भेजा, जहां युवक की मौत हो गई। मृतक का नाम सचिन कुमार वर्मा उर्फ गोलू है। वह कचहरी के नवाटोली का रहने वाला था। उसका मूल पता सुखदेवनगर थाना क्षेत्र का खादगढ़ा है। सचिन घर का इकलौता पुत्र था। जन्मदिन के दिन ही उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि परिजनों का आरोप है कि मोटिया मजदूरों के अलावा पुलिस ने भी थाने में सचिन की जमकर पिटाई की। जिससे उसकी थाने में ही मौत हो गई।

परिजनों और मोहल्लेवासियों में फूटा आक्रोश

इधर, सचिन की मौत की खबर मिलते ही परिजनों और मोहल्लेवासियों का आक्रोश फूट पड़ा। भारी संख्या में भीड़ कोतवाली थाना पहुंची और थाने का घेराव किया। इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं। भीड़ में शामिल लोगों ने खूब हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। ओडी में तैनात पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई और मॉब ¨ल¨चग के आरोपितों को सौंपने की मांग कर रहे थे। हंगामे की सूचना मिलने के बाद सदर डीएसपी, कोतवाली, सिटी डीएसपी के अलावा लोअर बाजार थानेदार, लालपुर थानेदार, सुखदेवनगर थानेदार सहित अन्य थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को समझाया-बुझाया। हालांकि भीड़ किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थी। सुबह दस बजे से दिन के करीब एक बजे तक परिजन व मोहल्लेवासी थाने में ही शव रखकर हंगामा करते रहे। पुलिस द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी और सजा दिलाने के आश्वासन पर माने। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा। इसके बाद भीड़ थाने से हटी।

मेडिकल बोर्ड का गठन

इधर, पुलिस-प्रशासन की आग्रह पर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। देर शाम मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी शैलेश कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें अलखदेव राय और इंद्रजीत शामिल हैं। अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

ट्रक चोरी के आरोप में बेरहमी से पिटाई

परिजनों के अनुसार अपर बाजार में खड़ी एक 407 ट्रक की चोरी कर ली गई थी। मोटिया मजदूर चोरों की तलाश कर रहे थे। इसी क्रम में रविवार की रात करीब 12 बजे सचिन नील रतन स्ट्रीट की ओर से गुजर रहा था। उसी दौरान मोटिया मजदूरों ने उसे देखकर पकड़ लिया। 30-40 की संख्या में मजदूरों ने उससे पहले पूछताछ की। इसके बाद मजदूर सचिन को नील रतन स्ट्रीट स्थित एक कमरे में ले गए। वहां उसे रस्सी से बांध दिया। इसके बाद सभी ने लाठी-डंडों व रॉड से पिटाई शुरू कर दी। मजदूर उसे सुबह छह बजे तक पीटते रहे और ट्रक के बारे में पूछताछ करते रहे। सचिन के सिर सहित शरीर के कई हिस्सों में चोट लगी और अधमरा हो गया। परिजनों ने ही इसकी सूचना पुलिस को दी। तब जाकर वहां पुलिस पहुंची और अधमरा हालत में सचिन को छुड़ाकर थाने लायी। हालत गंभीर देख पुलिस उसे सदर अस्पताल ले गई। इलाज के दौरान सचिन की मौत हो गई।

परिजन स्ट्रेचर सहित शव लेकर पहुंच गए थाने

परिजनों को जब पता चला कि सचिन का शव सदर अस्पताल में पड़ा है तो भीड़ सीधे सदर अस्पताल पहुंची। वहां अस्पताल से एंबुलेंस मांगा। एंबुलेंस नहीं मिलने पर वे स्ट्रेचर सहित सचिन के शव को सर्जना चौक, शहीद चौक के रास्ते से खींचते हुए कोतवाली थाना के सामने लाकर रख दिया। इसके बाद परिजनों ने कहा जब तक हत्यारे नहीं पकड़े जाते और इंसाफ नहीं मिल जाता, शव के साथ डटे रहेंगे। बाद में पुलिस के समझाने पर माने और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया।

परिजनों का आरोप, थाने के हाजत में ही हुई मौत

हंगामा कर रहे परिजनों का आरोप है कि घायल अवस्था में सोमवार की सुबह सचिन को थाने लाया गया था। हाजत में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि सही समय पर पुलिस पहुंचती और कार्रवाई करती तो सचिन की जान बच जाती। सचिन के परिजनों का आरोप है कि पिटाई के दौरान पानी मांगने पर मजदूरों ने पानी तक नहीं दिया।

पुलिस ने कहा-इलाज के दौरान हुई मौत

हालांकि पुलिस का कहना है कि इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है। पुलिस घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज भी तलाश रही है।

मां ने दर्ज कराई एफआइआर

मामले में सचिन की मां अन्नु देवी के बयान पर एफआइआर दर्ज कराई गई है। बताया है कि उन्हें सूचना मिली कि रात 12 बजे के करीब ट्रक चोरी करने के आरोप में उनके बेटे को उठा लिया और लगातार मारपीट करते रहे। ट्रक के बारे में नहीं बताने पर मारपीट की जाती रही। धमकी देते रहे कि नहीं बताया तो मारकर कुएं में डाल देंगे। मामले में इंद्रजीत, अलखदेव राय उर्फ आलोक, मनोज साव, गाड़ी मालिक, सत्येंद्र राय, सहित 30 से 40 लोगों को आरोपित बनाया है।