रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में इन दिनों मोबाइल चोरी की काफी शिकायतें आ रही हैं। हर दिन किसी न किसी इलाके से मोबाइल चोरी या लूटपाट की खबरें सुनने को मिल रही हैं। थानों में मोबाइल चोरी के सनहा दायर तो होते हैं, लेकिन विरले ही किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन दोबारा मिल पाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आपका चोरी हुआ मोबाइल कहां पहुंच चुका है। आपका मोबाइल फोन सिर्फ दूसरे राज्य ही नहीं, बल्कि दूसरी कंट्री पहुंच चुका है। रांची से चोरी गया फोन बांग्लादेश में ट्रीन ट्रीन कर रहा है। पुलिस के हाथ लगे दो मोबाइल चोरों ने यह बड़ा खुलासा किया है। इन मोबाइल चोरों का कहना है रांची से मोबाइल फोन की चोरी कर उसे बांग्लादेश में खपाया जाता है। मोबाइल चोर किराये में रूम लेकर रांची में रहते हैं और मोबाइल उड़ाने की ताक में लगे रहते हैं। इन दिनों फेस्टिव सीजन का फायदा उठाते हुए चोर लगातार ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। भीड़ भाड़ और बाजार में गिरोह का सदस्य मौजूद रहता है। लोगों के मोबाइल फोन और पर्स पर इन सदस्यों की नजर होती है। मौका पाते ही मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर लेते हैं।

सिटी में पहाडिय़ा गिरोह एक्टिव

सिटी में इन दिनों साहेबगंज के तीन पहाड़ी इलाके का गैंग एक्टिव है, जो पॉकेटमारी और मोबाइल उड़ाने में एक्सपर्ट हैं। गैंग के सदस्यों को इन कामों के लिए ट्रेनिंग कराई जाती है। कैसे पर्स उड़ाना है, लोगों की नजर से कैसे बचना है और किसी एक के पकड़े जाने पर क्या करना है, इन सब बातों की ट्रेनिंग दी जाती है। ये हाट बाजार और शॉपिंग मॉल से मोबाइल की चोरी कर उसे बांग्लादेश में बेच देते हैं। पुलिस गिरफ्त में आए चोरों ने बताया कि राज्य के अलग-अलग जिलों से मोबाइल चुराकर उसे भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित फरक्का भेज दिया जाता है, जहां गिरोह के कुछ एक्सपर्ट चोरी के इन मोबाइल का ईएमआई और कवर बदल कर उसे नया लुक देकर बांग्लादेश के बाजार में उतार देते हैं। चोर गिरोह का लंबा चौड़ा नेटवर्क रहता है। चोरी का मोबाइल फोन एजेंट के माध्यम से बांग्लादेश पहुंचा दिया जाता है।

पुलिस ने जारी किया अलर्ट

सिटी में लगातार हो रहे मोबाइल-पर्स चोरी की घटनाओं के बाद पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है। दो अपराधियों के पुलिस कस्टडी में आने के बाद गिरोह के दूसरे सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है। लेकिन इस बीच आम लोगों को सावधान किया है। भीड़भाड़ वाले स्थान पर मोबाइल फोन, पर्स और दूसरे सामानों का ध्यान रखने को कहा है। कहीं कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखते ही फौरन इसकी जानकारी पुलिस को देने की भी अपील की गई है। खासकर बच्चों और महिलाओं पर नजर रखने की बात पुलिस की ओर से कही गई है। क्योकि बच्चों और महिलाओं पर कोई शक नहीं करता। मोबाइल उड़ाते ही उसे पास में खड़े गिरोह के दूसरे व्यक्ति को सौंप दिया जाता है। वह व्यक्ति फौरन मोबाइल फोन से सिम निकालकर उसे लेकर फरार हो जाता है, जिससे बच्चों और महिलाओं की शकके आधार पर तलाशी लेने के बावजूद भी कुछ नहीं मिलता है।

चोरों की अच्छी-खासी कमाई

चोरी के मोबाइल फोन बेचने पर चोरों को भी अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। प्रत्येक फोन पर मिनिमम तीन हजार रुपए मिल जाता है। जितना महंगा मोबाइल फोन होता है उतना ही अधिक पैसा मिलता है। दस हजार रुपए के रेंज वाले सेलफोन के बदले तीन हजार, बीस हजार रुपए रेंज वाले फोन के छह हजार रुपए मिल जाते हैं। ज्यादा फोन चुराने पर अलग से बोनस भी दिया जाता है। यही कारण है कि मोबाइल चोर ज्यादा से ज्यादा मोबाइल उड़ाने की कोशिश में रहते हैं। सिर्फ चोरी ही नहीं, बल्कि छिनतई से भी बाज नहीं आते हैं।